जागो भारत जागो !
इनकलाब नया लाओ भारत।
जागो भारत जागो !
बन के पुजारी लोकतंत्र ये
लूट रहे मंदिर सब कोई,
मिटा नहीं अस्तित्व देश का
नंगे बन फिरते सब कोई।
जागो भारत जागो !
इनकलाब नया लाओ भारत।
जागो भारत जागो !
अंधी - लंगड़ी - लूली हो गयी
संसद देश की, गूँगी हो गयी,
भारत का स्वाभीमान खो गया,
हिन्दू - मुस्लिम - सिख - ईसाई,
संसद का ईमान खो गया ।
जागो भारत जागो !
इनकलाब नया लाओ भारत।
जागो भारत जागो !
सोने की चिड़ियां भूखी-प्यासी,
दाने-दाने को तरसाती,
साम्प्रदायिकता की आड़ में ये अब
हिन्दू-मुस्लिम गीत ही गाती ।
जागो भारत जागो !
इनकलाब नया लाओ भारत।
जागो भारत जागो !
इनके इरादे नेक नहीं अब,
'बुर्का' पहन सब एक हो गये;
सत्ता के सब अंधे हो गये।
खेत बैच दे, देश बैच दे,
सत्ता की जागीर बैच दे,
माँ का आँचल, दूध बैच दे,
बलदानी इतिहास बैच दे,
भगत सिंह का नाम बैच दे,
और बैच दे भारत को।
जागो भारत जागो !
इनकलाब नया लाओ भारत।
जागो भारत जागो !
संसद की ताकत पहचानो,
वोटों की ताकत जानो,
घर-घर अलख जगा दो आज,
धर्मनिरपेक्ष कौन बना है?
इनके इरादे जानो आज।
जागो भारत जागो !
इनकलाब नया लाओ भारत।
जागो भारत जागो !
गुरुवार, 10 जुलाई 2008
जागो भारत जागो !
प्रकाशक: Shambhu Choudhary Shambhu Choudhary द्वारा 9:26 am
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