चूँड़ियाँ पहन बैठे वतन के पहरेदारों!
चूड़ियों की खनक तो सुनो,
ये तेरी ही माँ-बहनों की है।
जो सड़कों पे खड़ी मांग रही है,
देश की रक्षा,
संसद में सीट,
बच्चों की सुरक्षा।
गर नहीं दे सकते,
संसद खाली कर दो।
अब तुम्हें नहीं देना है,
उनको आरक्षण,
नहीं देना है उसे मताधिकार,
उठो! उठो! पकड़ लो कलम बस
सुना दो इन्हें चुड़ियों का भैरवी राग।
-शम्भु चौधरी, एफ.डी. - 453/2, साल्टलेक सिटी, कोलकाता - 700106
सोमवार, 9 जून 2008
चूँड़ियों की खनक
प्रकाशक: Shambhu Choudhary Shambhu Choudhary द्वारा 11:17 pm
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