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सोमवार, 20 जून 2011

Let me make it clear: - शम्भु चौधरी




Let me make it clear
THE CONGRESS VIEW ON PRESENT SITUATION - 1 JUNE 2011 AICC :


Congress party updated his Website by Saying that His party is very honest to Present Lokpal Bill to introduced for Curb the Crruption's of India. but Where his Honesty?
Point-12. Let us make it clear: The Congress party and the governments that it leads at the Centre and the States are committed to good governance. The Congress party is implacably opposed to corruption and will not hesitate to take stern and exemplary action against any one who is found to be corrupt. The party that should hang its head in shame is the BJP. Several ministers of the BJP have been charged with corruption in Punjab, Madhya Pradesh, Karnataka and Gujarat. A former National President of the BJP faces a charge of accepting bribes. The government in Karnataka today is a byword for corruption.
Point-13. In recent months, the Congress party has taken a number of steps that will clearly manifest its intentions. For example, the Government is engaged in drafting a strong and sound Lokpal Bill that will be introduced in the monsoon session of Parliament. It has entrusted grave allegations of corruption that may involve people in high places to investigation by the CBI. It has welcomed the Supreme Court’s oversight of the investigations. The Government has ratified the UN Convention Against Corruption. It has introduced a Bill to punish bribery of foreign public officials. Please Read My Reply Also....- Shambhu Choudhary


भारत के सबसे बड़े घोटाले के जिम्मेदार चुने हुए देश के सबसे बड़े ईमानदार कांग्रसी प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ जाए कि ‘‘भाया नाव तो चालती देखी पर पानी में चाल रही थी कि बालू पर सो मणे कोणी दिखी म तो गठबंधन का गांठ से बन्धो पड्यो थो’’।


कोलकाता-21जून,2011:
Let me make it clear: - शम्भु चौधरी
Point-12. कांग्रेस पार्टी खुद कितनी दूध की धुली है यह भी साथ में इनको लिखना चाहिये कि रक्षा सौदों से लेकर खेल के मैदानों तक में अरबों का खपला वह खुद कर चुकी है। चुनी हुई सरकारी पक्ष का बयान है कि हाल के दिनों में जितने भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आयें हैं जिसमें 3जी, हो या कामनवेल्थ के खेल हों या खाद्य प्रदाथों में वृद्धि का मामला हो सभी के सभी गठबंधन धर्म के कारण हुए हैं। जब कांग्रेस की सरकार इस बात से सहमत है कि सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पंहुच चुका है जो गठबंधन की मजबूरियों का परिणाम है। कहने का अर्थ कांग्रसी चोर नहीं कांग्रेस की सरकार को मदद देने वाले चोर हैं तो सरकार इसका कोई नया समाधान क्यों नहीं खोजती? कांग्रेस पार्टी जब खुद स्वीकार करती है कि सरकार बनाने के लिए देश के चुने हुए सभी चोर, लुटेरे और बेईमानों को साथ लेकर उन्होंने सरकार बनाई है तो इस सरकार में इन चुने हुए सांसदों से देश की जनता अब क्या अपेक्षा कर सकती है।

देश की जनता के द्वारा चुने हुए लोग हैं आप लोग भला जनता की बात अब क्यों सुनेगें? जिस जनता ने इनको चुन कर संसद में भेजा है वे पहले से ही इनको बहुत सारे काम दे रखें हैं। अब हर व्यक्ति आकर कहेगा कि अमूक कानून बनाओं तो भला ऐसे कैसे हो सकता है? आखिर चुने हुए सांसद हैं। कोई मजाक थोड़े ही है भाई! जनता के प्रति इनकी बस इतनी ही जबाबदेही है कि वे उन्हें लाठियों से हांक दें बस। अनपढ़ गांवार जनता भला लोकपाल के बारे में क्या जानती है? ये चार-पांच आदमी झूठ-मुठ का खुद को जनता का प्रतिनिधि बताते हैं। ये तो इनकी भली मानसिकता है कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता करने वाली एक नादान लेडी है जो देश के भ्रष्ट नेताओं के दांव-पेंच नहीं जनती सो बेचारी अन्नाजी की इज्जत के चक्कर में इस पचड़े में फंस गई वरणा अन्नाजी को जेल के भीतर बन्द कर 2-4 दिनों में ही होश ठिकाने लगा देते।
Point-13. ये लो चुने हुए कांग्रेसी सांसदों का एक नया बयान क्या कह रहें हैं जनाब - "In recent months, the Congress party has taken a number of steps that will clearly manifest its intentions. For example, the Government is engaged in drafting a strong and sound Lokpal Bill that will be introduced in the monsoon session of Parliament. It has entrusted grave allegations of corruption that may involve people in high places to investigation by the CBI." इनकी ईमानदारी पर जरा नजर डालिये "Government is engaged in drafting a strong and sound Lokpal Bill" लोकपाल बिल का ड्राफ्ट का सारा श्रेय खुद को दे रहें हैं। अन्ना हजारे के पूरे आन्दोलन को दरकिनार कर दिया। यही कांग्रेसी चरित्र है जो देश की आजादी के हजारो शहिदों के इतिहास को डकारती रही है। आज अन्ना की बलदानी को भी उनके सामने ही डकार गई। इतनी जल्दी भी क्या थी भाई! इस बात को लिखने की कम से कम अन्ना को मर तो जाने देते। तब तक जनता भी सारी बातें भूल जाती। खैर! लोकपाल बिल को कांग्रेस के योगदान में जमा कर लियो हो ता अब थोड़ी तो शर्म करो कि इस बिल को शख्ती के साथ संसद में लाकर पारित करवा दो। ना जाने फिर कहीं गठबंधन धर्म आड़े हाथ न आ जाए और भारत के सबसे बड़े घोटाले के जिम्मेदार चुने हुए देश के सबसे बड़े ईमानदार कांग्रसी प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ जाए कि ‘‘भाया नाव तो चालती देखी पर पानी में चाल रही थी कि बालू पर सो मणे कोणी दिखी म तो गठबंधन का गांठ से बन्धो पड्यो थो’’।

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