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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

India #Covid-2

 डायरी

दूसरी तरफ देश की मोदी सरकार शून्य विहिन बातें बोल कर देश को भ्रमित करने में लगी है। एक तरफ सोशल मीडिया पर हर तरफ से दवा, वेड, इलाज, आक्सिजन की गुहार लगाने वालों की भरमार लग गई है। कई संस्था इन सूचनाओं को एक दूसरे तक पंहुचाने में मदद कर रही है पर इससे क्या होगा।



करोना की महामारी ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। आज लगभग एक साल चार माह हो चुके हैं। मेरा पूरा परिवार पिछले एक साल से घर के बहार तभी निकल रहा है जब बहुत ही जरूरी होता है। जैसे किसी डाॅक्टर के पास जाना या घर का जरूरी समान जैसे फल-सब्जी इत्यादि खरीदना हो। आज मेरी उम्र 65 साल होने को चली है। मुझे अधिक सावधानी रखनी पड़ रही है। गत् वर्ष मेरी छोटी बेटी जो बंगलोरू में काम करती है लाकडाउन में वहीं फंस गई थी। तीन माह बाद (14/06/2020) जब कुछ छूट मिली तो कोलकाता आ गई। तब से घर से ही काम कर रही है। उसे घर में 15 दिनों तक क्वारंटाइन रहना पड़ा। इस एक साल में मैंने अपने कई मित्रों को परिवार के दो सदस्यों को भी खो दिया।

इस वर्ष सब कुछ ठीक होने सा लगा था लगा था कि अब गाड़ी  धीरे-धीरे चलने लगेगी कि अचानक से अप्रैल के दूसरे चरण से कोविड-2 फेज ने देश में हड़कंप मचा दिया। इसकी संक्रमक क्षमता का अंदाज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कोविड-2, 1000 गुणा तेजी से फैलती है और  इंसान को अपने गिरफ्त में लेने के बाद उस इंसान को 24 घंटे के भीतर चारों खाने चित की देती है जबतक परिवार के लोग कुछ समझ पाते उसकी सांस लेने की क्षमता आधी हो जाती है और समय पर उसे आक्सिजन नहीं दी गई तो उसकी मौत तय है।  

अचानक से दवा की जगह कृत्रिम आक्सिजन की कमी देश के चारों तरफ से आने लगी। कभी किसी ने ऐसाा नहीं सोचा था कि जीवन के लिए कृत्रिम आक्सिजन कितना जरूरी बन जाऐगा।  आज हर प्रदेश में लाशों के ढेर लग चुके हैं रातों-रात उसे जलाया जा रहा है। सरकारी तमाम आंकड़े ना बताने ही काफी है। बस इस बात से अंदाज लगा लेना चाहिए कि 4घंटे की आक्सिजन बच जाने के बाद हास्पीटल अदालतों का दरवाजा रात को खटखटाने लगी। 

दूसरी तरफ देश की मोदी सरकार शून्य विहिन बातें बोल कर देश को भ्रमित करने में लगी है। एक तरफ सोशल मीडिया पर हर तरफ से दवा, वेड, इलाज, आक्सिजन की गुहार लगाने वालों की भरमार लग गई है। कई संस्था इन सूचनाओं को एक दूसरे तक पंहुचाने में मदद कर रही है पर इससे क्या होगा। लोग देश के प्रायः सभी अस्पतोलों के बहार दम तौड़ रहे हैं। आज की सुप्रीम कोर्टकी सुनवाई अगले 27 अप्रैल तक के लिए टाल दी गई क्यों कि  यह अदालत भी  सत्ता के आगे लाचार हो चुकी है।

पता नहीं कल क्या होगा आज के लिए इतना ही। शंभु 23-4-2021 India #Covid-2

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