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मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

गृहमंत्री जी का दर्द झलका


‘‘मैं कोरोना संक्रमण से लड़ रहे सीआरपीएफ के बहादुर सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इकराम हुसैन के निधन की सूचना से अत्यंत दुःखी हूँ । वह अंत समय तक कोरोना महामारी से पूरी वीरता से लड़े । देश की सेवा व आंतरिक सुरक्षा के लिए उनका योगदान हम सभी देशवासियों को प्रेरित करता है ।’’ - सौन-पुरुष गृहमंत्री जी श्री मान अमित शाह 
कोलकाता : 29/04/2020, अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अपनी सालाना वार्षिक रिपोर्ट [2020] में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के ऊपर बढ़ते हमले के तहत के लिए सीधे-सीधे वर्तमान भाजपा की सरकार को कठघरें में खड़ा कर दिया है । रिपोर्ट में कहा गया है कि

  “The national government allowed violence against minorities and their houses of worship to continue with impunity, and also engaged in and tolerated hate speech and incitement to violence.” 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के पश्चात सत्ताधारी सरकार, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की अनुमति और नफरत भरे भाषण और हिंसा के लिए हिन्दुओं को उकसाने जैसे कृत्य में सम्मिलित है । रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने दोबारा सत्ता में आते ही नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) लागू कर दिया एवं इस संशोधन में (CAA) - अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता भारत में नागरिकता का प्रवाधान कर दिया । कई भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों को ‘‘ जय श्री राम ’’ बोलने के लिए बाध्य किया जा रहा है नहीं बोलने पर उनकी हत्या कर दी जाती है । 

 “ BJP-ruled states, Lynch mobs often took on overtly Hindu nationalist tones. In June, in Jharkand, a mob attacked a Muslim, Tabrez Ansari, forcing him to chant “Jai Shri Ram (Hail Lord Ram)” as they beat him to death.” 

2019 में सत्ता में आने के बाद से लगातार सरकार मुसलमानों को तारगेट कर रही है । इस रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर जिसे मुस्लिम बाहुल राज्य का दर्जा देते हुए लिखा है कि सरकार ने इसके विशेष प्रावधान को हटाकर उनके धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रहार किया है।

“ In August, the government also revoked the autonomy of Muslim-majority state Jammu and Kashmir and imposed restrictions that negatively impacted religious freedom.” 

साथ ही भाजपा शासित राज्यों में गोरक्षा के नाम पर मुसलमानों पर मोब लिंचिंग की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है ।

इस रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अल्पसंख्यकों पर लगातार हमला आदि विषय को भी उठाया गया है । इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि देश में हो रही मोब लिंचिंग की कई घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया व साथ ही भारत के गृहमंत्री अमित  शाह ने उल्टे कहा कि वर्तमान कानून में कोई संशोधन की जरूरत नहीं है, साथ ही उसने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से मोब लिंचिंग के सारे डाटा भी हटवा दिये।

  “ In 2018, the Supreme Court urged the central and state governments to combat lynchings with stricter laws. When, by July 2019, the central government and 10 states had failed to take appropriate action, the Supreme Court again directed them to do so. Rather than comply, Home Minister Shah called existing laws sufficient and denied lynchings had increased, while the Home  Ministry instructed the National Crime Records Bureau to omit lynchings from the 2019 crime data report.” 

इस रिपोर्ट में दिल्ली में पिछले फरवरी माह में जब अमेरिका के राष्ट्रपति भारत की यात्रा में थे ठीक उसी समय दिल्ली में लगातार तीन दिनों तक दिल्ली के मुस्लिम इलाकों में मुसलमानों के घरों को जलाया गया और उनको मारा गया जो दिल्ली पुलिस के रिपोर्ट के अनुसार वह गृह मंत्रणालय के अधीन कार्य कर रही थी । भले ही इस रिपोर्ट को भारत सरकार ने सिरे से इंकार कर दिया हो पर सच तो यही है कि भारत के गृहमंत्री श्री अमित शाह  इस सभी घटनाओं के ईर्द-गिर्द घूमते नजर आते हैं ।

आज देश कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रहा है । दिनांक 29 अप्रैल तक भारत में अब तक कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या तीस हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है । इसमें अब तक मरने वालों की संख्या 937 बताई गई है । देशभर में लोगों की एक राय है कि ऐसे समय में जब हम दुनिया की इस महामारी से लड़ रहें हैं कम से कम इस समय तो हमें हिन्दू-मुस्लिम करने से परहेज करना चाहिये ।

भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा व आर.एस.एस प्रमुख मोहन भागवत ने भी सामने आकर कह दिया कि हमें किसी भी प्रकार का धार्मिक भेदभाव नहीं करना चाहिए । परन्तु पिछले एक माह के लाॅकडाउन के दौरान भारत के गृहमंत्री पूरी घटना से परोक्ष रूप से नदारद दिखे । शायद वे किसी धर्म विशेष के अभियान में व्यस्त रहे होंगे। कोई बात नहीं आज भारत के नये सौन-पुरुष गृहमंत्री जी श्री मान अमित शाह का दर्द झलक ही गया वे वे अपने ट्विटर हैंडल पर लिखते हैं ‘‘मैं कोरोना संक्रमण से लड़ रहे सीआरपीएफ के बहादुर सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इकराम हुसैन के निधन की सूचना से अत्यंत दुःखी हूँ । वह अंत समय तक कोरोना महामारी से पूरी वीरता से लड़े । देश की सेवा व आंतरिक सुरक्षा के लिए उनका योगदान हम सभी देशवासियों को प्रेरित करता है ।’’ अब देश के राष्ट्रवादी तथाकथित हिन्दुओं की रक्षा करने वाली सेना किस प्रकार भारत के गृहमंत्री को जबाब देती है यह भी हमें देखना है। - शंभु चौधरी, कोलकाता ।

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