Translate

रविवार, 20 जुलाई 2008

चिंतित जैन समाज

इस काम में साधु-संतों और समाज के दूसरे लोगों की भी मदद ली जा रही है. पंडितों ने आश्वासन दिया है कि वे केवल बेटों को महिमामंडित करने वाले श्लोकों में बदलाव के लिए तैयार हैं और शायद अब पुत्रवान भव की जगह संतान भव के श्लोक सुनाई दें. तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष सायर बेंगानी ने बीबीसी को बताया कि उनके यहाँ लड़कियों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। इनके विचार जानने के लिये शीर्षक " चिंतित जैन समाज " का लेख नीचे लिंक में दिया हुआ है। आप भी भाग लेवें इस बहस में। आगे देखें - बहस : भ्रूण हत्या

0 विचार मंच:

हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा

एक टिप्पणी भेजें