फ्रांस के प्रमुख दैनिक समाचार पत्र ‘ले मोंडे’ के अनुसार भारतीय प्रधानमंत्री के 2015 में फ्रांस आगमन के बाद श्री अनिल अंबानी की दूरसंचार कंपनी ‘रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस’ फ्रांसीसी कर अधिकारियों ने € 151 मिलियन के
बजाय €
7.3
मिलियन के लिए एक समझौता किया। अर्थात श्री अंबानी को फ्रेंच से € 143.7 मिलियन फ्रांसीसी
डालर की
कर छूट मिली। यह छूट क्यों मिली और कैसे मिली यह अभी भी रहस्य बना हुआ है। समाचार ने लिखा कि यह छूट फ्रांस के साथ 36 विमानों के सौदे से जोड़कर देखा जा रहा है। आपको याद होगा कि अप्रैल 2015 में भारत
के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय पेरिस की यात्रा के दौरान ने 36
राफेल जेट की सीधी
खरीद के लिए एक आश्चर्यजनक घोषणा की थी, जिसकी जानकारी भारतीय अधिकारियों व रक्षा मंत्रणालय को नहीं भी
थी। यहां
यह भी गौर करने की बात है कि भारत सरकार को यह बात जानकारी थी कि नहीं? और
यदि थी तो उसे अबतक देश से छुपाया क्यों गया? भारत के प्रधान सेवक को यह तो बताना ही चाहिये कि जो व्यक्ति किसानों के ऋण पिछले पांच सालों में माफ नहीं कर सका वह अपने मित्र अनिल अंबानी के मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहा था? यह
सब महज संयोग तो नहीं हो सकता मोदी जी !
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