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गुरुवार, 2 जनवरी 2014

मोदी के राह का रोढ़ा - शम्भु चौधरी


सवाल उठता है कि- डॉ. हर्षवर्धन जी जब खुद मानतें हैं कि दिल्ली की जनता ने उनकी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने लाया है उनके पास विधानसभा में सबसे अधिक सीट है। उनकी पार्टी को सबसे अधिक मत मिले हैं तो सरकार क्यों नहीं बनाई? सवाल सरकार बनाने का नहीं था। प्रधानमंत्री पद का सपना संजाये श्री अडवाणी जी, भाजपा के संविधान को पलटने वाले व दौबारा अध्यक्ष का सपना देखने वाले श्रीमान नितिन गडकरी जी,  महात्मा गांधीजी के पूण्य समाधि स्थल पर ठुमका लगाने वाली सुषमा स्वराज एवं डॉ. हर्षवर्धन जी दिल्ली में मोदी के रथ को रोक कर यह साबित कर दिये कि मोदी को दिल्ली में किसी भी प्रकार से आने नहीं दिया जाएगा। 

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के समय डॉ. हर्षवर्धन जी के भाषण से साफ झलक रहा था कि वे दिल्ली की जनता की समस्या के लिए नहीं अपने राजनीति एजेंडे पर भाषण दे रहे थे इनके इस भाषण को भाजपा के तथा कथित राष्ट्रप्रेमी जो सिर्फ खुद को देशभक्त की श्रेणी में रखना चाहते हैं जोर-शोर से प्रचार करने में लग गए।  इनका तर्क मान लिया जाए तो दिल्ली में सिर्फ 33 प्रतिशत जनता ही राष्ट्रप्रमी और बाकी 67 प्रतिशत जनता देशद्रोही? डॉ. हर्षवर्धन जी ने अरविंद केजरीवाल के 18 मुद्दों के जबाब में आपने अपनी 18 भड़ास निकाल दी।
भड़ास में आपने सुरक्षा, भ्रष्टाचार, बंगला, मोहनशर्मा की शहादत, अफजल की फांसी, सेनिकों की शहादत,
 कश्मीर पर बहस,  सिसोदिया जी को चंदा की जाँच,  आयकर विभाग के कमिश्नर नहीं थे केजरीवाल, मुफ्त पानी सिर्फ 8लाख घरों ही क्यों?,  पानी का बिल बढ़ा दिया,  बिजली में सब्सिडी जनता के पैसों का दुरुपयोग है,  आँकड़ों की बाजिगीरी करके धोखा दे रहे , बाटला हाउस एनकाउंटर पर, कश्मीर के देशद्रोही बयानों पर, आतंकवादियों से समर्थन माँगने पर केजरीवाल को देश से माफी माँगनी चाहिए, कांग्रेस के समर्थन पर सवाल किए।   

डॉ. हर्षवर्धन जी मानो दिल्ली विधानसभा में ‘आप’ द्वारा प्रस्तुत विश्वास मत पर भाषण नहीं संसद में जनता को संबोधन कर रहे थे। व्यक्तिगत आरोप लगाने के माहिर भाजपाईयों ने दिल्ली के विधानसभा में भी अपनी जात दिखा दी कि वे जनता की भावना से खिलवाड़ करने के लिए अपने पैंट का जीप भी खोल सकते हैं। 
भाजपा को सिर्फ जनता की भावना से खिलवाड़ करना आता है। दिल्ली के चुनाव में जिस प्रकार इन लोगों ने देश की भावना से खिलवाड़ कर जनता के वोट प्राप्त करने का प्रयास किया इससे साफ हो जाता है कि इनको देश सेवा और देश से कोई प्रेम नहीं । राम मंदिर निर्माण के समय भी कुछ ऐसा ही किया गया था। अब राममंदिर इनके लिए कोई मुद्दा नहीं रहा।

 लोकसभा चुनाव से पूर्व किसी भी प्रकार देश की भावना को सांप्रदायिक जहर से पाट दिया जाय। कारण स्पष्ट है कि भाजपा खुद भ्रष्टाचार से चारों तरफ से घीरी हुई है। कांग्रेस का हर कदम पर भाजपा ने साथ दिया । दिल्ली में पिछले 15 सालों से विपक्ष की भूमिका निभाने में पूर्णतः असफल रही भाजपा दिल्ली विधानसभा में या तो केजरीवाल जी पर, मनीष सिसोदिय व्यक्तिगत आरोपों की छड़ी लगा दी या फिर देश की भावना के साथ खिलवाड़ करते नजर आये। 

सवाल उठता है कि- डॉ. हर्षवर्धन जी जब खुद मानतें हैं कि दिल्ली की जनता ने उनकी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने लाया है उनके पास विधानसभा में सबसे अधिक सीट है। उनकी पार्टी को सबसे अधिक मत मिले हैं तो सरकार क्यों नहीं बनाई? सवाल सरकार बनाने का नहीं था। प्रधानमंत्री पद का सपना संजाये श्री अडवाणी जी, भाजपा के संविधान को पलटने वाले व दौबारा अध्यक्ष का सपना देखने वाले श्रीमान नितिन गडकरी जी,  महात्मा गांधीजी के पूण्य समाधि स्थल पर ठुमका लगाने वाली सुषमा स्वराज एवं डॉ. हर्षवर्धन जी दिल्ली में मोदी के रथ को रोक कर यह साबित कर दिये कि मोदी को दिल्ली में किसी भी प्रकार से आने नहीं दिया जाएगा।  

भाजपा की राजनीति हार का ठिकरा अब डॉ.हर्षवर्धनजी केजरीवाल के ऊपर फोड़ना चाह रहें हैं। मुझे अभीतक इस बात का जबाब नहीं मिला कि 32 सीटों के परिणाम जैसे ही घोषित हुए डॉ. हर्षवर्धन जी ने सीधे मीडिया में बयान जारी कर दिये कि वे सरकार नहीं बनायेगें। इतनी जल्दी और विधायक दल की बैठक बिना किये ही इसप्रकार का बयान कहीं मोदी के खिलाफ गहरी साजिश का हिस्सा तो नहीं? 
आज दिल्ली में ‘आप’ की सरकार बनते ही पूरे देश में केजरीवाल व उनके साथियों को जो समर्थन मिला है क्या इसके लिए दिल्ली भाजपा दोषी नहीं? दिल्ली भाजपा कहीं मोदी के रथ का रोढ़ा तो नहीं बन गई? यह मोदी के समर्थकों को सोचना होगा।
03.01.2014

1 विचार मंच:

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बेनामी ने कहा…

केजरी बाबू ने अब नया घर ढूढ़ने को कहा लकिन छोटा घर होना मांगता, पाहिले जैसा बड़ा नहीं ,, क्या नोटकी है यार ,, आप के चिड़ीमारों से एक सवाल -- कांग्रेस के 8 MLA जो अभी सपोर्ट दे रहे है और पिछले 30 को सजा केसे मिलेगी भ्रष्ट्चार कि ...???? जवाब दो चिड़ीमारों ,, कबूतर उड़ का खेल छोड़ो

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