वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी की पाँच पुस्तकों का लोकार्पण 30 जुलाई को दिल्ली के त्रिवेणी सभागार में किया गया। लोकार्पण क्रमशः प्रभात खबर के संपादक हरिवंश, हिन्दुस्तान टाइम्स भोपाल के संपादक एन.के.सिंह, दैनिक भास्कर के समुह संपादक श्रवण कुमार गर्ग, अमर उजाला के समूह संपादक शशि शेखर और गांधी मार्ग के संपदक अनुपम मिश्र ने किया । लोकार्पण कार्यक्रम में श्री प्रभाष जोशी ने कहा कि हमें उसी भाषा में लिखना चाहिये जिससे हम प्रेम करते हैं। उसी भाषा में विचार आते हैं और आत्मीयता झलकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.नामवर सिह ने की और मंच संचालान सुधीश पचौरी ने।
पाँच पुस्तकें:
'जीने के बहाने' , 'धन्न नरबदा मैया हो' , 'लुटियन के टीले का भूगोल' , खेल सिर्फ खेल नहीं है' , 'जब तोप मुकाबिल हो....' इन पाँचों पुस्तकों में उनके आलेख संकलित हैं जो उन्होंने पिछले 16 साल से जनसत्ता में नियमित चले आ रहे अपने कॉलम 'कागद कारे' में लिखा है। इस कॉलम में उन्होंने राजनीति, समाज, लोक-संस्कृति,खेल और अपनी जीवन-यात्रा इन तमाम विषयों पर कलम चलाई है।
शलाका सम्मान से सम्मानित:
अभी हाल ही में दिल्ली के एक समारोह में वयोवृद्ध कवि कुवंर नारायण ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की उपस्थिति में वरिष्ठ अप्त्रकार श्री प्रभाष जोशी को हिन्दी अकादमी का सर्वोच्च सम्मान 'शलाका सम्मान' से भी सम्मानित किया गया है।
:- ई-हिन्दी साहित्य सभा
2 विचार मंच:
हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा
इ-साहित्य की योजना तो बहुत ऊंचे एवं महान सोच को परिलक्षित कर रही है। इसे अवश्य साकार किया जाना चाहिये। इससे हिन्दी का अपार हित सधेगा।
आभार जानकारी के लिए.शुभकामनाऐं.