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गुरुवार, 14 अगस्त 2008

चक्रधरा माँ करते...हम सभी नमन

1.वतन की नाव


मारो मुझे एक ऐसी कलम से,
जिससे फड़कती हो मेरी नब्जें;
लड़ते रहें, हम लेकर नाम मज़हब का,
मुझको भी जरा ऐसा लहू तो पिलावो,
बरसों से भटकता रहा हुं,
कहीं एक दरिया मुझे भी दिखाओ;
बना के वतन की नाव यहाँ पे;
मेरे मन को भी थोड़ा तो बहलाओ।
मरने चला जब वतन कारवाँ बन,
कब तक बचेगा जरा ये भी बताएं?


2. श्रद्धांजलि


नमन तुम्हें, नमन तुम्हें, नमन तुम्हें,
वतन की राह पे खडे़ तुम वीर हो,
वतन पे जो मिटे वो तन,
नमन तुम्हें! नमन तुम्हें!
नमन तुम्हें! नमन तुम्हें!
ये शहीदों की चित्ता नहीं,
भारत नूर है,
चरणों पे चढ़ते 'हिन्द'! ये तिरंगे फूल हैं।
मिटे जो मन, मिटे जो धन,
वतन पे जो मिटे वो तन,
वतन की राह पे खडे़ तुम वीर हो,
नमन तुम्हें! नमन तुम्हें! नमन तुम्हें! नमन तुम्हें!


3. मेरा भारत महान


मेरा वतन मेरा वतन...ये प्यारा हिंदोस्तान - २
हम वतन के हैं सिपाही... वतन के पहरेदार!
मेरा वतन मेरा वतन...ये प्यारा हिंदोस्तान - २
डर नहीं तन-मन-धन का...मन मेरा बलवान!
वतन की रक्षा के खातिर... दे देगें हम अपने प्राण
मेरा वतन मेरा वतन...ये प्यारा हिंदोस्तान - २
सात स्वरों का संगम भारत... जन-गण की आवाज,
मिल-जुल कर गाते हैं सब... मेरा भारत महान्


4.ध्वजः प्रणाम्


हिन्द-हिमालय, हिम-शिखर केशरिया मेरा देश।
उज्ज्वल शीतल गंगा बहती,
हरियाली मेरा खेत,
पूर्व-पश्चिम,
उत्तर-दक्षिण...लोकतंत्र यह देश
चक्रधरा माँ करते...हम सभी नमन,
'जय-हिन्द' - 'जय-हिन्द'।


संपर्क: शम्भु चौधरी, एफ.डी. - 453, सल्टलेक सिटी,कोलकाता - 700106

4 विचार मंच:

हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा

संजय बेंगाणी ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं.
वंदेमातरम्!

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

आजाद है भारत,
आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
पर आजाद नहीं
जन भारत के,
फिर से छेड़ें, संग्राम एक
जन-जन की आजादी लाएँ।

Udan Tashtari ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma ने कहा…

सबों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ढेर सारी शुभ कामनाएं।

आया है स्वतंत्रता दिवस अपना धर्म याद कराने को।
भूल न जाना तुम हिंदुस्तान के मज़हब को॥
हो जाओ तैयार सब कुछ न्योछावर करने को।
सहना होगा थोड़ा कष्ट भारतमाता के लाज बचाने को॥
आया है स्वतंत्रता दिवस अपना धर्म याद कराने को।
आया है स्वतंत्रता दिवस अपना धर्म निभाने को॥

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