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मंगलवार, 19 अगस्त 2008

शम्भु चौधरी की चार झणिका- 4

1.
भारत की गुप्तचर एजेंसियाँ
है इतनी चुस्त,
हर धमाके की सूचना
देती हमेशा मुफ्त-दुरुस्त।

2.
धर्म के इन पहरेदारों को
जब तक न हटाया जाएगा,
ये दीवार जो बनी है-
दो दिलों में,
इसे कैसे ढहाया जायेगा।

3.
संसद में जो बनते हैं,
बड़े 'तीसमारखाँ'
रेत पर ही खोजते हैं
पावों के निशान।

4.
'अल्पसंख्यक'
शब्द का जन्म ही करता है,
एक 'भारतीय' को
एक 'भारतीय' से अलग।


- shambhu choudhary FD-453, Salt Lake City, Kolkata-700106

3 विचार मंच:

हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा…

सभी क्षणिकयें उत्कृष्ट हैं..


***राजीव रंजन प्रसाद

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया!!

Pawan Nishant ने कहा…

dekhan me chhoti laagen, ghav karen gambheer.
pawan nishant
reporter
Dainik Jagran
Mathura
09412777909

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