अब यह सरकार सिर्फ 7 मंत्री नहीं चलायेगें, सरकार कुछ अफ़सर नहीं चलायेगें, सरकार कुछ पुलिसवाले नहीं चलायेंगें। हमें ऐसी व्यवस्था कायम करगें दिल्ली के अंदर हम डेढ़ करोड़ लोग मिलकर सरकार बनायेगें। डेढ़ करोड़ मिलकर सरकार चलायेगें। - अरविंद
मेरी एक कविता है-
वोटों की ताकत को जानो, अपनी ताकत को पहचानो,
घर-घर अलख जगा दो आज, भ्रष्टाचार मिटा दो आज।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के रामलीला मैदान के ऐतिहासिक मंच पर
लाखों लोगों के जन सैलाब, लबालब भरा रामलीला मैदान को देशभर की जनता अपनी आंखों से देख रही थी । भारत के इतिहास में सैलाब वह भी एक साधारण सामाजिक जीवन से राजनीति में आने वाले एक आम आदमी के उस क्षण का है जो हमेशा से ही अपना नया रास्ता बनाता रहा है। मध्यम श्रेणी के परिवार में जन्मे श्री अरविंद केजरीवाल ने अपने चंद साथियों के साथ सफलता के उस शिखर पर कदम रखने के लिए अपना पहला कदम बढ़ा दिया हो।
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में जिस ऐतिहासिक जीत की कल्पना किसी ने भी नहीं की थी, आम आदमी पार्टी ने उन तमाम राजनैतिक आंकड़ों को उथल-पुथल कर रख दिया। लोकतंत्र क्या होता है यह देश की जनता को बता दिया। भले ही इसका रूप हमें आज बहुत छोटा नजर आता हो पर कहावत है- ‘‘ देखन में छोटन लगे घाव करे गंभीर’’ जो राजनीति पार्टियाँ अपने अहंकार में मस्त-मस्त हो चल रही है अथवा जो राजनेता इस बात के घमंड में चूर है कि वे सत्ता की ताकत से इस आम आदमी को मिटा देने का जज्बा रखते हैं उनके एक लिए अरविंद केजरीवाल एक सबक है।
दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान से श्री अरविंद केजरीवाल अपनी टीम के साथ शपथ लेने के तुरंत बाद जो भाषण दिया उस भाषण के प्रमुख अंश जो इस प्रकार है। -
अभी हमने मुख्यमंत्री और मेरे साथियों ने मंत्री पद की शपथ ली है। यह सारी लड़ाई जो हमलोगों ने लड़ी थी, यह सारी कबायत जो हमलोगों ने की थी, यह कबायत हमलोगों ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं की थी। यह सत्ता के किले तोड़कर सत्ता जनता के हाथ में देने के लिए की थी।
दोस्तों!! आज आम आदमी की जीत हुई है। दिल्ली के लोगों ने इस बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव में एक बहुत बड़ा काम कर के दिखाया है। अभी तक हमलोग, इस देश के लोग बिल्कुल निराश हो चुके थे, हमें लगता था इस देश का कुछ नहीं हो सकता यह देश तो बिल्कुल गर्त में जा रहा है। इस देश की राजनीति ने सब कुछ बर्बाद कर दिया था, लेकिन इसबार दिल्ली विधानसभा के चुनाव में दिल्ली के लोगों ने दिखा दिया कि ईमानदारी से भी राजनीति की जा सकती है। ईमानदारी से चुनाव लड़ें जा सकतें हैं, और ईमानदारी से चुनाव जीते जा सकते हैं।
दोस्तों! इसके लिये मैं आप सब लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूँ। यह एक बहुत बड़ी जीत है, दिल्ली के लोगों की जीत है। मैं परमपिता परमेश्वर, ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु उनको मैं धन्यवाद देना चाहुँगा। जो यह जीत हुई है, यह वाकई यह कुदरती करिश्मा लगता है। नहीं तो आज से दो साल पहले हमलोग यह सोच भी नहीं सकते थे। इस देश में ऐसी क्रांति आयेगी कि जो जब हम भ्रष्ट पार्टियों को उखाड़ कर फेंक देगें और असल में जनता का राज स्थापित होगा।
दोस्तों!! यह हमारी वजह से नहीं हुआ। यह जरूर कुछ न कुछ कुदरती करिश्मा है। इसके लिये हम भगवान को धन्यवाद अदा करता हूँ, ईश्वर को धन्यवाद अदा करता हूँ अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूँ।
दोस्तों! अभी तो यह शुरूआत है। अभी तो केवल आम आदमी की सरकार बनी है। असली लड़ाई अभी बहुत लम्बी है। यह लड़ाई हम लोग नहीं लड़ सकते। अरविंद केजरीवाल अकेले नहीं लड़ सकता। हम 6 लोग 7 लोग मिलकर यह लड़ाई नहीं लड़ सकते। लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि अगर दिल्ली के डेढ़ करोड लोग़ एकट्डें हो जायें तो इस देश से दिल्ली से भ्रष्टाचार हम दूर कर सकते हैं। हम मिलकर भ्रष्टाचार दूर कर सकते हैं।
दोस्तों ! हमें यह बिल्कुल गुमान नहीं है, हमें यह बिल्कुल घमंड नहीं है कि सारी समस्याओं का समाधान हमारे पास है। हमारे पास सारी समस्याओं का समाधान नहीं है। भगवान ने सारी बुद्धी हमें नहीं दी है। हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि आज सरकार बनेगी, कल सारी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। लेकिन हमें यह पूरा यकिन है कि यदि दिल्ली के डेढ़ करोड़ लोग एकट्डा हो गए तो ऐसी कोई समस्या नहीं कि जिसका समाधान हम नहीं निकाल सकते। हमें अब दिल्ली मिलकर चलानी होगी।
अब यह सरकार सिर्फ 7 मंत्री नहीं चलायेगें, सरकार कुछ अफ़सर नहीं चलायेगें, सरकार कुछ पुलिसवाले नहीं चलायेंगें। हमें ऐसी व्यवस्था कायम करगें दिल्ली के अंदर हम डेढ़ करोड़ लोग मिलकर सरकार बनायेगें। डेढ़ करोड़ मिलकर सरकार चलायेगें।
आम आदमी पार्टी की टोपी पहने अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इनके साथ 6 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया । दिल्ली के उप राज्यपाल श्री नजीब जंग ने इनको पद की गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह एक ऐतिहासिक वह झण था जिसे दिल्ली वासियों ने ना सिर्फ सुना इस घटना को अमर बना दिया है।
-शम्भु चौधरी 28/12/2013
1 विचार मंच:
हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा
अरविंद को सलाम-
मेरे एक मित्र ने दिल्ली से मुझे आज फोन पर बताया कि आज उनके साथ अनोखी घटना घटी उनका एक काम कई दिनों से अटका हुआ था। आज आफिस गया और उस अधिकारी से सेटिंग करने की चेष्टा करी। वह अधिकारी बोला ‘‘नहीं सा'’ब आप कल ऐसे ही आ जाना आपका काम हो जाएगा। अब आप "की" नई सरकार बन गई है । हमें ऊपर से आदेश मिला है कि हमें ऊपर अब कोई कमीशन नहीं देना होगा। जब ऊपरवाले ही हमें कलेक्शन को नहीं कहेंगें तो हम तो गरीब आदमी ठहरे। हम क्यों अपनी नौकरी खतरें में डालें?’’
दोस्त ने बताया कि ‘‘आज पहली बार मुझे उनकी बात सुनकर मेरे (दोस्त के) आंखों से पानी झलक पडे। उसने कहा कि आदमी लाचार हो जाता है जब ऊपर से ही पूरा सिस्टम ही खराब हो जाए।’’
Please join me here also
https://www.facebook.com/schoudhary1956