मुझे मुंगेरी लाल पर बार-बार शक भी हो रहा था पटना में मेरे सौ रु खर्च करवा दिया थे अब तक उसका हिसाब नहीं किया, बोला- "दे दूगां मोदी को आ जाने दो।" जैसे मोदी के आने से ही इसका लोन पास होगा। कांग्रेस इतना लोन बांट रही वह इसको नहीं दिखाई देता। अनाज सस्ता कर दिया। फल-सब्जी भी मुफ्त में खाना चाहता है? अब 20रु रोजाना कमाकर देश को ही खा जाएगा क्या? अब भी मोदी की दलाली करता है नमकहराम। मुझे लगा कि आज काई नया बहाना लेकर आया है मुझसे फिर पैसे ऐंठने का।
मुंगेरीलाल भागता-भागता और हांफता-हांफता मेरे पास आया बोला सुना है क्या?, ‘क्या’ पर इतना जोर दिया की उसके दम फूलने लगे, थोड़ी बहुत जो सांसें वह ले पाता था, वह भी लेने के लाले पड़ गये।
मैंने जल्दी से उसको पास पड़ी पानी की बोतल पीने को दी और उसे पहले बैठने को कहा-
‘‘यार! पहले थोड़ी सांस तो ले लो!’’
मुंगेरी लाल पास पड़ी बेंची पर बैठते हुए कहा हां! हां! ‘‘ यार बड़ी धांसू खबर लाया हूँ’’... फिर पानी की बोतल मुंह में डाली और गट-गट पानी पीने लगा।
उसको पानी पीते देख मुझे भी प्यास लग गई।
पर पानी बचने का नाम ही नहीं ले रही थी, उसने एक ही बार में पूरी की पूरी बोतल साफ कर डाली । फिर बोला- ‘‘यार हां! अब आराम मिला मेरी तो पूरी सांस ही चढ़ गई थी। तेरे जैसा यार मिल जाए तो फिर किस बात की चिन्ता मुझे। थोड़ा मुस्कराया और बोला- ‘‘चल चाय पिला’’
मुंगेरी मेरी तरफ तिरछी नजर से बार-बार देखकर मुस्करा रहा था, मानो जैसे कोई ‘मुर्गा’ उसके सामने खड़ा हो।
मैंने उसकी हां में हां मिलाते हुए कहा- ‘‘हाँ! क्यों नहीं चाय तो बनती ही है’’ फिर थोड़ा रूक कर
यार! तू जो खबर लाया था वह तो पहले बता।
जैसे-जैसे मुंगेरी लाल को हवा मिलती गई वह खुद को तरोताजा महसूस करने लगा।
बोला. यार मोदी जी के बारे में एक जोरदार खबर लाया हूँ।
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था।
पिछले दिनों ही हम दोनों ने मिलकर पटना के गांधी मैदान में मोदीजी का भाषण सुना था।
वह तो गनिमत है कि हमारी जान बच गई, ठीक हमारे सामने एक बम फटा था। इसकी खबर हमको पहले से ही थी कि इधर कोई ‘धमाका’ होने का है। हमने सोचा यह मोदी का धमाका है।
हम ठहरे बिहारी के बिहारी सोचे- हमको क्या लेना-देना धमाके से। हमको तों बस मोदीजी को सुनना है।
हमको तो बस मोदी ही मोदी चारों तरफ दिखाई दे रहे थे । धमाके की आवाज सुनकर भी कोई हिलने को तैयार नहीं था। हम दोनों भी मोदी को सुनने के लिए वहीं डटे रहे।
यह सब मैं सोच ही रहा था कि मुंगेरी लाल ने मेरे सपने में खलल पैदा कर दी-
अरे.... जनाब कहां खो गए? चाय आ गई थी। यार !!! जानते हो कांग्रेस पार्टी ने.... बीच में ही उसको टोकते हुए पूछा-
‘‘क्यों क्या हुआ कांग्रेस पार्टी को ?’’ फिर पप्पू ने कोई नई बात तो नहीं बोल दी, जैसे ‘नानसेंस’ , ‘बकवास’
अरे नहीं- इस बार मोदी ने कहा है इससे पूरी कांग्रेस पार्टी बल्ले-बल्ले करने लगी है।
चारों तरफ खुशी की लहर दौड़ गई है। सभी जगह फटाके फौंड़े जा रहें हैं। कांग्रेस पार्टी में दीवाली मनाई जाने लगी।
मैं भी आश्चर्यचकित सा हो गया? यह सब सुनकर।
आखिर मोदी ने ऐसा क्या रातों-रात तीर मार दिया कि कांग्रेस में हर तरफ खुशियाली छा गई?
आज अचानक से कांग्रेस को खुश होने का कारण मेरी समझ से परे था। कल तक तो ‘‘मोदी पीछा करो अभियान’’ चला रहे थे। खोजी कुत्तों की टीम लगा दी उनके पीछे, पूरा देश एक ही काम में लगा था क्या सी.बी.आई हो क्या नेतागण सबको एक ही आदेश का पालन करना था, ‘‘मोदी को खोजो’’ पर ये जनाब हर जगह मंच पर आते कोई नया धमाका कर के चले जाते। ऐसा तो आजादी के समय भी देखने को नहीं मिला था। गजब का नेता है अभी से सत्ता पक्ष, विपक्ष की भूमिका निभाने को तैयार बैठी है।
मुंगेरीलाल की तरफ देखते हुए पूछा - "यार बात ठीक से समझाते हो कि सिर्फ पहेली में ही बात करोगे?"
मुंगेरी- बताता हूँ.. बताता हूँ जल्दी भी क्या है? "यार चाय तो पी लेने दो पहले।"
मुझे मुंगेरी लाल पर बार-बार शक भी हो रहा था पटना में मेरे सौ रु खर्च करवा दिया थे अब तक उसका हिसाब नहीं किया, बोला- "दे दूगां मोदी को आ जाने दो।" जैसे मोदी के आने से ही इसका लोन पास होगा। कांग्रेस इतना लोन बांट रही वह इसको नहीं दिखाई देता। अनाज सस्ता कर दिया। फल-सब्जी भी मुफ्त में खाना चाहता है? अब 20रु रोजाना कमाकर देश को ही खा जाएगा क्या? अब भी मोदी की दलाली करता है नमकहराम।
मुझे लगा कि आज काई नया बहाना लेकर आया है मुझसे फिर पैसे ऐंठने का।
मैंने आशंका भरी नजरों से उसकी तरफ देख कर पुछा-
"तु कुछ बतायेगा कि मैं अब यहां से जाऊं?,"
यार! आप तो बस नाराज हो गए-
लो सुन मोदी ने कांग्रेस पार्टी...
हां!...हां!... आगे बोल क्या? ‘‘कांग्रेस पार्टी...’’
‘‘मोदी ने कांग्रेस पार्टी ज्वा.......ईन कर ली है।’’
क्या???? यह सुनकर मैं भौंच्चका रह गया।
अब मोदी भी सांप्रदायिक नहीं रहे? अब देश को फिर से सेक्युलरवादी के हाथ ही सौंप देना होगा? मुझे तो पहले सी लगता था कांग्रेस कुछ ना कुछ चालाकी करेगी फिर सत्ता में आने के लिए लो कर लो बात अब इनसे। अब हिटलर किसको कहेंगे हम? अब मोदी की शादी कराने के लिए कांग्रेस ने जिस महिला को खोजा था उसका क्या होगा? माकपा, भाकपा, सपा, राजद, बसपा, जदयू सब ने मोदी की तारीफ में नये-नये कशीदे गढ़ने शुरू कर दिये। यह तो सरासर गद्दारी है। - शम्भु चौधरी
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