Translate

शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

अविश्वास का दौर - शंभु चौधरी




गांधी परिवार की भी अपनी निजी जिंदगी है। इसमें दखल देने का किसी को कोई हक नहीं बनता, परन्तु सोनिया जी के स्वास्थ को लेकर एवं अस्वस्थ्य होने व उनके विदेश जाने के समाचार को जिस प्रकार देश के सामने कांग्रसियों ने प्रस्तुत किया मानो सोनिया जी ने कोई अपराध कर दिया हो जिसे देश से छुपाया जा रहा है। खैर! कांग्रेसियों के इस चरित्र से हमें क्या लेना-देना। हम श्रीमती सोनिया जी के जल्द स्वस्थ होने की मंगलकामना करते हैं।



श्रीमती सोनिया जी अस्वस्थ्यः

देश आज अविश्वास के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में अचानक से श्रीमती सोनिया जी का अस्वस्थ्य होना साथ ही कांग्रसियों ने गोलमटोल विज्ञप्ति देकर न सिर्फ सोनिया जी की छवि को खराब करने की चेष्टा की, देश को भी कांग्रसियों ने गुमराह में रखा। कांग्रसियों को जब-जब गांधी परिवार की बलि चढ़ाने की जरूरत पड़ी अपने निजी स्वार्थ के लिए सदैव ये लोग गांधी परिवार का दोहन किया। इनको पता है कि गांधी परिवार को आगे लाकर ही ये खुद की दुकानदारी सजा व चला पायेगें। इनका खुद का कोई वजूद न पहले था और न अब है। अब तो बिल्कुल भी नहीं है। हम भी चाहते हैं कि गांधी परिवार की भी अपनी निजी जिंदगी है। इसमें दखल देने का किसी को कोई हक नहीं बनता, परन्तु सोनिया जी के स्वास्थ को लेकर एवं अस्वस्थ्य होने व उनके विदेश जाने के समाचार को जिस प्रकार देश के सामने कांग्रसियों ने प्रस्तुत किया मानो सोनिया जी ने कोई अपराध कर दिया हो जिसे देश से छुपाया जा रहा है। खैर! कांग्रेसियों के इस चरित्र से हमें क्या लेना-देना। हम श्रीमती सोनिया जी के जल्द स्वस्थ होने की मंगलकामना करते हैं।



लोकपाल बिलः

लोकपाल बिल को लेकर भी कांग्रेस के चन्द बेइमानों ने मिलकर गांधी परिवार को गुमराह कर खुद के पापों पर परदा डालने के लिए एक ऐसे बिल को संसद में प्रस्तुत किया जो न सिर्फ लंगड़ा है अधुरा और बेइमानों संरक्षित को करने वाला है। प्रतिपक्ष व विपक्ष के अधिकांश बेइमान सासंद मन ही मन इस बिल पर अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं और वे ये भी जानते है कि इससे कांग्रस को राजनैतिक रूप से जो क्षति होन वाली है, उसका सीधा लाभ उन्हीं को मिलने वाला है। ऐसे में श्री राहुल गांधी जी से मेरा अनुरोध रहेगा कि वे अपने पिता के मार्गा का अनुसरण करते हुए इन कांग्रसी चैकरी को सत्ता से किनारे कर नये और योग्य व्यक्तियों को साथ लेकर देश के सामने आये और लोकपाल बिल को पूर्णरूपेन आम सहमति बनाने की दिशा में कार्य करने हेतु 5 सदस्यों की एक समिति बना दें। जिसमें किसी भी राजनैतिक दलों के व्यक्तियों को न लेकर कानून के जानकार समाजसेवी और ईमानदार छवि के वरिष्ठ रिटायर्ड तीन जजों को इसका भार सोंप दें व साथ ही इनके सामने यह विकल्प भी खुला रखे की ये लोग देश की आम भवना को ध्यान में रखते हुए बिल का निर्माण करें। जिसमें लोकायुक्त की नियुक्ति से लेकर देश की तमाम मूल समस्या का निदान हो सके। आपको याद दिला देता हूँ कि एक बार स्व. राजीव गांधी ने यह टिप्पणी की थी कि विकास के नाम से निकाला धन जनता के हाथों में पंहुचते-पंहुचते 10 पैसा हो जाता है। इसमें तमाम जिला अधिकारी सहित राजनेताओं की मिली भगत जगजाहिर है।



कालेधन की निकासीः

माननीय उच्च न्यायालय के तमाम फटकार के बावजूद वर्तमान सरकार इस मुद्दे में अभी तक अड़ियल रुख अख्तियार कर ना सिर्फ माननीय अदालत को गोलमटोल जबाब दे रही है। सोई हुई जनता को भी रात के अंधेरे में डंडे से पिटवा दिया। इससे से कांग्रेस की छवि को भारी नुकसान हुआ है। राहुल जी को चाहिये कि वे न सिर्फ इन मामलों मे हस्तक्षेप करें। खुलकर जनता का साथ दें ताकी कांग्रेस के अन्दर व्याप्त भ्रष्टाचार को भी न सिर्फ समाप्त किया जा सकेगा कांग्रसे को नया प्राण जीवन प्राप्त हो जायेगा। मेरी बात आप मान या न माने लिख दिया है।

1 विचार मंच:

हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा

दिवस ने कहा…

सही कहा, गांधी परिवार बनता है बलि का बकरा और कहलाता है शहीद...
लोकपाल को लेकर आपके सुझाव अच्छे लगे...और जहाँ तक काले धन की बात है, वह ये कांग्रेसी तो लाने से रहे...अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी कौन मारता है???

एक टिप्पणी भेजें