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मंगलवार, 4 नवंबर 2008

राष्ट्रीय महानगर का सांध्य संस्करण नए जोश के साथ पुनः शुरू

कोलकाता. तेजतर्रार युवा पत्रकार प्रकश चंडालिया के संपादन में निकलने वाले हिन्दी दैनिक राष्ट्रीय महानगर का प्रकाशन नए जोश और तल्ख़ तेवरों के साथ फ़िर शुरू हो गया है. महानगर का प्रकाशन पिछले मई महीने में स्थगित कर दिया गया था. कम्पनी की योजना आक्रामक तेवरों वाले टैब्लोइड साप्ताहिक एवं सामाजिक पत्रिका प्रकाशित करने की थी. लेकिन इस दौरान महानगर के सांध्य संस्करण के हजारों पाठकों ने प्रबंधन पर दबाव बनाये रखा और नतीजा यह हुआ कि राष्ट्रीय महानगर का सांध्य संस्करण ४ नवम्बर से फ़िर स्टैंड पर आ गया. जनसत्ता, संडे मेल जैसे अख़बारों में वर्षों तक खोजी पत्रकारिता कर चुके प्रकाश चंडालिया ने कोलकाता में सांध्य पत्रकारिता को नया आयाम दिया है. कई समाचारपत्रों में वे नियमित कालम लिखते रहे हैं. उनकी बेबाक लेखनी और आक्रामक तेवरों से राजनैतिक पार्टियों के नेता और बयान-बहादुर कर्मी बौखलाए रहते हैं. १९९९ में एक राष्ट्रीय पार्टी के गुंडों ने सांध्य अख़बार के दफ्तर में जबरदस्त तोड़फोड़ तक कर डाली थी. गैर हिन्दी भाषी प्रदेश में बगैर किसी औद्योगिक घराने और सरकारी विज्ञापनों के समर्थन के अखबार चलाना और बाकायदा १० वर्षों से पाठकों में लोकप्रिय बनाये रखना, कलम की धार का परिचय देता है. प्रकाश ने बताया कि पाठकों के दबाव के कारण फिलहाल साप्ताहिक संस्करण कि योजना स्थगित कर दी गई है, लेकिन सामाजिक विषयों पर आधारिक पत्रिका का प्रकाशन शीघ्र शुरू किया जाएगा.

3 विचार मंच:

हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा

seema gupta ने कहा…

"good efforts and start, wish you good luck"

regards

Shambhu Choudhary ने कहा…

शुभकामनाएँ स्वीकार करें

बेनामी ने कहा…

Kripaya Mahanagar का mail id तथा किस हिन्दी font का istemal करते हैं बताये.

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