श्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान पर कि जब कभी भी कांग्रेस पार्टी को राजनैतिक संकट का सामना करना पड़ता है तो वह धर्मनिरपेक्षता का बुर्का पहन लेती है। इनके कहने का तात्पर्य स्पष्ट था कि भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबी कांग्रेस पार्टी न तो मंहगाई पर काबू पा रही है, ना ही देश में विकास का कोई नया मॉडल प्रस्तुत करने में सफल रही है। इनको तो बस हर किसी के बयान में सांप्रदायिकता ही नजर आती है और खुद धर्मनिरपेक्षता का चोला पहनकर सारे महत्वपूर्ण मुद्द को गायब कर सत्ता पर किसी तरह बने रहना चाहती है। इस बयान का पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्टी के इन दो चेहरों ने स्वीकार किया कि उनको धर्मनिरपेक्षता का बुर्का (चोला) अच्छा लगता है।
मंगलवार, 16 जुलाई 2013
धर्मनिरपेक्षता का बुर्का
प्रकाशक: Shambhu Choudhary Shambhu Choudhary द्वारा 1:05 am
Labels: कांग्रेस पार्टी, धर्मनिरपेक्षता, नरेन्द्र मोदी, बुर्का, ajay makan, shashi tharoor
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