संसद में चूडि़याँ पहने नेताओं,
चूँडि़यों की खनक तो सुनो,
जो सड़कों पे बिखरी-टूटी पडी़,
मांग रही थी भीख-
सुहाग की रक्षा
और
खुद की सुरक्षा।
-शम्भु चौधरी, कोलकाता-७००१०६, मोब: ९८३१०८२७३७
गुरुवार, 9 दिसंबर 2010
चूँडि़यों की खनक -शम्भु चौधरी
प्रकाशक: Shambhu Choudhary Shambhu Choudhary द्वारा 7:48 pm
Labels: शम्भु चौधरी
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2 विचार मंच:
हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा
सामयिक और धारदार रचना ! शुभकामनायें आपको !
वर्तमान हालत पर करार तमाचा ...धारदार रचना