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सोमवार, 27 अक्टूबर 2008

अबकी दिवाली हम मनाएब कैसे?

उजड़ि गेल घर बाढ़ में
डूबि गेल पूँजी व्यापार में
ना बा कहूँ रहे के ठिकाना
ना बा कुछु खाय के ठिकाना
दिया से अपन घर के सजाएब कैसे
जुआड़ी सैंया के हम मनाएब कैसे
अबकी दिवाली हम मनाएब कैसे
अबकी दिवाली हम मनाएब कैसे
ना बा घर ना बा दुआर
ओ भगवान तोहार मूर्ति हम बिठाएब कैसे
तोहार आरती हम उतारब कैसे
हो अबकी दिवाली हम मनाएब कैसे
अबकी दिवाली हम मनाएब कैसे


रचयिता - महेश कुमार वर्मा

2 विचार मंच:

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Udan Tashtari ने कहा…

वाह!!

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

एक दीप जलाइए दीवाली मनाइए।

दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ। दीपावली आप और आप के परिवार के लिए सर्वांग समृद्धि और खुशियाँ लाए।

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