राजनाथ ने कहा कि - ' आतंकवाद से लड़ने के लिये राष्ट्रीय सहमति की जरूरत"
अरे भाई! राजनाथजी जब राष्ट्रीय सहमति से ही आंतकवाद पनप रहा हो तो भला सोच कर बोला करें" आपके गुरू आज-कल आंतकवाद पर चुप है, आप हैं कि बोले ही जा रहे हैं, जरा चुप भी रहा करें। देख नहीं रहे हर तरफ देश में किस तरह धर्मनिपेक्षता के वफ़ादार फल-फूल रहें हैं। मानवाधिकार तक इस मामले में सजग है। आप अनावश्यक बोले ही जा रहें । वैसे ही आपकी ज़बान लड़खड़ाती है। आपकी पार्टी में सभी चाहते हैं कि आप कम से कम बोलें। मेरी सलाह मानें आप अगले चुनाव तक विदेश घुमने चलें जायें।
जगो-जगो देश की जनता
भरो हुंकार देश की जनता,
करो बगावत देश की जनता
उठो-उठो देश की जनता।
जहाँ मांगने आते वोट
मारो इनके सर पर डण्डा,
खुद को चुनो,
खुद को भेजो,
निर्धन-निर्जन किसान को भेजो
महिलाओं या नव-जवान को भेजो,
करो बगावत देश की जनता
उठो-उठो देश की जनता।
- शम्भु चौधरी
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