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बुधवार, 19 सितंबर 2018

तीन तलाक: साला मैं तो शाह बन गया !

यह बात सही है कि पीड़ित मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक को लेकर जानवर की जिंदगी जीने के लिये मजबूर हो जाती है । मुस्लिम समाज में तलाक के बाद उसकी गुहार सुनने के तमाम रास्ते बंद कर दिए जाते । न्याय देने की बात तो दूर की, कई महिलायें तो भेंट भी चढ़ जाती । एक प्रकार से समाज में दरिंदगी का माहौल बना हुआ है। 

मोदी सरकार को किसी भी बात को या तो उसे सांप्रदायिक रूप में  परिवर्तित कर देना या किसी बात का बचाव करना हो तो दूसरी बड़ी समस्या को सामने ला खड़ा करो ताकि जनता मुद्दों से भटक कर नई बातों में उलझ जाए । अभी देश में तेल के दामों और रुपये के गिरते मूल्य से भारत को रोजाना अरबों की क्षति पर बहस चल ही रहा था कि मोदी को अचानक से नया पैंतरा सूक्ष गया । तीन तलाक । बस ले आये आॅडिनेन्स । 
भला कौन नहीं चाहेगा कि तीन तलाक जैसी सामाजिक कुप्रथा को भारत जैसे गरीब देश से भी समाप्त किया जाए ? भारत के सुप्रीम कोर्ट ने तो पहले से ही शयरा बानू मामले में इसे गैर कानूनी करार दे दिया था । भारत सरकार को निर्देश भी दिया था कि संसद में इसपर कड़ा कानून लाया जाए । 
मोदी सरकार के दो विघिज्ञाता ने इसपर एक बिल तैयार कर संसद के पटल पर रख भी दिया और संसद में पारित भी करा दिया गया । पर समस्या राज्यसभा में आकर लटक गई । राज्यसभा में सरकार को बहुमत नहीं होने के कारण बिल अटक गया । विपक्ष इस सामाजिक समस्या में कई सुधार चाहता था । लोकतंत्र में बहस की गुजांइस होनी चाहिये । परन्तु शाह बानू  मामले के समय में जैसे कांग्रेस ने किया ठीक सबकुछ वैसा ही मोदी जी ने शायरा बानू में किया ।
यह बात सही है कि पीड़ित मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक को लेकर जानवर की जिंदगी जीने के लिये मजबूर हो जाती है । मुस्लिम समाज में तलाक के बाद उसकी गुहार सुनने के तमाम रास्ते बंद कर दिए जाते । न्याय देने की बात तो दूर की, कई महिलायें तो भेंट भी चढ़ जाती । एक प्रकार से समाज में दरिंदगी का माहौल बना हुआ है। 
परन्तु यह बात मोदी सरकार को सोचनी होगी कि तलाक पर तो उसने प्रतिबंध लगा दिया परन्तु दूसरी शादी पर तो प्रतिबंध नहीं लगा सके । समस्या और विकराल बन जायेगी । वह महिला जिसको तलाक नहीं मिला अब वह उसी के कोठे पर एक जानवर की जिंदगी जीने को मजबूर हो जायेगी या फिर व वकीलों की फीस चुकाते-चुकाते थक जायेगी । कोई दुबई में दूसरी शादी कर के मौज करेगा?  कोई गुजरात में । कहने का अर्थ है तलाक नहीं देगा पर दूसरी, तीसरी या चौथी शादी कर के नाचेगा और अपनी हवस की आग बुझायेगा गाना गायेगा ‘‘साला मैं तो शाह बन गया !’’ -लेखक: शंभु चौधरी
दिनांक 20 सितम्बर 2018, कोलकाता । 

1 विचार मंच:

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अजय कुमार झा ने कहा…

जल्दबाजी में लिखी गई ,पूर्वाग्रह से ग्रस्त और वर्तनी /भाषाई अशुद्धियों से त्रस्त पोस्ट | आपने बहुत सी बातों की तह में न जाते हुए सीधे आक्षेप लगा कर उसे अपनी आशंकाओं से लबरेज कर दिया है | तलाक वाले मुद्दे का तेल निकाल दिया आपने

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