आज का समाचार पढ़कर मन गदगद हो गया। मन किया नीतीश जी को जाकर चुम लूँ।
समाचार में लिखा था " बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से एक-दूसरे पर हावी होने की बजाए उनकी भावनाओं की कद्र करने का आह्वान किया है। कहा कि महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में बिहारियों के साथ दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर अवसर इस चुनौती को एक अवसर के रूप में बदलने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें बिहार को एक ऎसा राज्य बनाना है कि जिसमें अन्य राज्यों के लोग रोजगार के लिये यहां आयें। साथ ही उन्होंने उन लोगों को अपने शैली से करारा चांटा भी मारा जो बिहार के मजदूर को काम करने की मशीन भर समाझते हैं। यह बात सही है कि बिहार के लोग गरीबी और अभाव के शिकार हैं लेकिन ये समाज न तो बेईमान है और न ही किसी के रहमो करम पर रहते हैं। यह समाज अपने महेनत और परिश्रम के बल पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग पहचान कायम की है। बिहार की ताकत उसका मानव संसाधन है और अस्के बलबूते ही बिहार के निर्माण की कल्पना की जा सकती है।" - शम्भु चौधरी
शनिवार, 8 मार्च 2008
जी! राज ठाकरे जी! ये है बिहार
प्रकाशक: Shambhu Choudhary Shambhu Choudhary द्वारा 8:50 pm
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
0 विचार मंच:
हिन्दी लिखने के लिये नीचे दिये बॉक्स का प्रयोग करें - ई-हिन्दी साहित्य सभा