गुरुवार, 4 अगस्त 2011

सोनिया का इलाजः अनसुलझे सवाल?




सत्तारुढ़ दल की महानायिका जिसके बेगैर कांग्रेस का कोई प्यादा पानी पीने भी नहीं जाता, सारे के सारे संसद की चौकीदारी करने में लगे थे यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह भी जो सोनिया के बेगैर अपनी सांस तक नहीं लेते। ऐसे में इस रहस्यमय लापता यात्रा कई गंभीर सवाल खड़ा करता है।


कल जब एक तरफ संसद चल रही थी देश ही नहीं पूरे विश्व की मीडिया तंत्र एकतरफ संसद के अन्दर लोकपाल बिल के प्रस्तुत करने व मंहगाई पर वित्तमंत्री श्री प्रणब मुखर्जी के बयान की तरफ टकटकी लगाये हुए थी तो दूसरी तरफ संसद के बहार अन्ना हजारे की तरफ लोकपाल बिल का विरोध चल रहा था, ऐसे में अचानक से एक समाचार कांग्रेस पार्टी की तरफ से आया कि कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी किसी गुप्त इजाल के लिए देश के बहार चली गई है। पार्टी प्रवक्ता श्री मनीष तिवारी ने देश को वे तमाम जानकारी देने से भी इंकार कर दिया कि सोनिया जी किस देश में इलाज के लिए गई?, कब गई? क्यों गई? कैसे गई? जैसे कई अनसुलझे सवालों का पिटारा छोड़कर अचानक से देश से विदेश रवाना हो गई। इस भ्रम को बनाये रखने के लिए जो समय का चुनाव किया गया इससे देश में कई तरह की शंकाएं लगाये जाने लगी है। किस डाक्टर की सलाह पर गई, कौन सा ऑपरेशन होने वाला है? और किस अस्पताल में होने वाला न तो देश का पता बताया गया, न ही इनकी किसी बीमारी का। सारी बातें कुछ इस प्रकार से गुप-चुप, गुप-चुप हो रही थी कि किसी को कानों-कान भी पता न चला और देश की सत्तारुढ़ दल की महानायिका जिसके बेगैर कांग्रेस का कोई प्यादा पानी पीने भी नहीं जाता, सारे के सारे संसद की चौकीदारी करने में लगे थे यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह भी जो सोनिया के बेगैर अपनी सांस तक नहीं लेते। ऐसे में इस रहस्यमय लापता यात्रा कई गंभीर सवाल खड़ा करता है कि आखिर सोनिया जैसी शख़्सियत जिसके बिना कांग्रेस पार्टी और वर्तमान सरकार का पत्ता भी नहीं हिलता चुप-चाप देश के बहार सिर्फ प्राइवेसी के आधार पर चली जाए? सोचने की बात है। सारे प्रकरण और कांग्रसियों के तमाम बयानों में कोई स्पष्ट झलक दिखाई नहीं दी कि अचानक से ऐसा क्या हो गया कि सोनिया गांधी को, देश को भ्रम में रखकर चुपचाप विदेश भेज दिया गया, जिसकी जरा भी भनक न तो मीडिया को लगने दी गई ना ही किसी काँग्रेसी नेताओं को भी। यहां तक कि कांग्रेस के कर्मचारियों को भी इसकी भनक नहीं लगने दिया गया। ईश्वर से हम इनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की मंगल कामना करते हुए कांग्रेस पार्टी से यह सवाल भी करते हैं कि देश को अंधेरे में रखकर इस तरह की सोनिया गांधी को चुप-चाप देश से बहार क्यों भेजा गया? सारी सूचनाऐं सरकार आज ही जारी करे। - शम्भु चौधरी

1 टिप्पणी:

  1. दाल में ज़रूर कुछ काला है| कभी बीमारी का बहाना बनाती है तो कभी काम का तो कभी चुपके चुपके हमारे खर्चे पर विदेश यात्राएं कर रही है और अपना पैसा ठिकाने लगा रही है|

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