आदरणीय केजरीवाल जी। दिनांकः 06/01/2014
सादर नमस्कार!
विषय: आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय नीति।
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी समिति को प्रेषित पत्र
आदरणीय सदस्यगण।
वैसे तो ‘आम आदमी पार्टी’ से जुड़े मुझे चंद ही दिन हुए हैं राजनीति में लगातार 1974 से रुचि रखने और आप लोगों से जुड़ कर कार्य करने की प्रेरणा से यह पत्र आप सभी सदस्यों के विचारार्थ भेज रहा हूँ।
दिल्ली के चुनाव के पश्चात जिस प्रकार कांग्रेस व भाजपा अन्य राजनीतिक दलों के द्वारा लगाता राष्ट्रवादी व अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस को तेज कर ‘आप’ को बैकफुट पर लाना चाहती है इसके लिए हमें ना सिर्फ सतर्कता की जरूरत है हमें उन तमाम मुद्दों पर गंभीर चिंतन कर नीति के निर्धारण की भी अत्यंत आवश्यकता है।
निम्न विषय आपके ध्यानार्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ-
1. सर्वप्रथम हमें संगठन के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की भर्ती करनी चाहिए। संभव हो तो उन्हें सवैतनिक भत्ता के साथ सम्मान पूर्वक पद पर उनकी नियुक्ति हो। ताकी संगठन में उनके कार्यानुसार भविष्य में उनको सम्मानित राजनीति पदों पर स्थापित किया जा सके।
2. कश्मीर सहित उन सभी राष्ट्रीय मुद्दों पर ‘आप’ की स्पष्ट नीति हो। ताकी कोई भी उसके विरुद्ध कार्य या बयान ना दे सके।
3. देश की सुरक्षा, अर्थ व्यवस्था, शिक्षा, किसान नीति, मज़दूर नीति, सरकारी-ग़ैरसरकारी कर्मचारी नीति, व्यापार नीति, बैंकिंग नीति, शेयर बाजार , विदेश नीति, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, राज्यों के साथ संबंध, विदेशी मुद्रा भंडार व काला धन, खनिज संपदा नीति आदि पर विचार करना।
4.भ्रष्टाचार व अन्य जन अपादा-विपदा नीति के साथ-साथ आम जनता की जनसेवा से जुड़े कई क्षेत्र जिसमें बिजली-पानी, चिकित्सा-दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण, खाद्य वितरण प्रणाली व यातायात व्यवस्था।
5.डालर के मूल्य पर नियंत्रण और तेल के प्रबंध पर अंकुश व आयात-निर्यात व्यवस्था में सामंजस्य करना साथ ही देश की उद्योगिक क्षेत्र में प्रोत्साहन प्रदान करना।
6.आधार भूत इंफ्रास्टेक्चर व्यवस्था को सुचारु करना, सरकारी विभागों की ज़िम्मेदारी तय करना व सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक सौहार्द बनाये रखते हुए स्वच्छ राजनीति व्यवस्था का निर्माण कर देश में कानून व व्यवस्था का राज कायम करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
7. खेल क्षेत्र से राजनीतिज्ञों का वर्चश्व समाप्त करना।
8. कई ऐसे विषय जो यहां छुट गए हैं का अध्ययन करना और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कर प्रणाली पर देश के जाने-माने विद्वानों की राय प्राप्त कर नीति का निर्धारण करना।
9. आम आदमी की प्राथमिकता इस बात पर भी हो कि जो नीति का निर्माण हो वह राष्ट्र की जनता पर दूरगामी प्रभाव छोड़ सके। व अन्य राजनीति पार्टियों को सोचने के लिए मजबूर कर दे।
आशा है 'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारणी समिति मेरे पत्र पर गंभीरता से विचार करेगें। आपके उत्तर का इंतजार रहेगा।
आपका ही शुभचिंतक
शंभु चौधरी, कोलकाता
सादर नमस्कार!
विषय: आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय नीति।
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी समिति को प्रेषित पत्र
आदरणीय सदस्यगण।
वैसे तो ‘आम आदमी पार्टी’ से जुड़े मुझे चंद ही दिन हुए हैं राजनीति में लगातार 1974 से रुचि रखने और आप लोगों से जुड़ कर कार्य करने की प्रेरणा से यह पत्र आप सभी सदस्यों के विचारार्थ भेज रहा हूँ।
दिल्ली के चुनाव के पश्चात जिस प्रकार कांग्रेस व भाजपा अन्य राजनीतिक दलों के द्वारा लगाता राष्ट्रवादी व अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस को तेज कर ‘आप’ को बैकफुट पर लाना चाहती है इसके लिए हमें ना सिर्फ सतर्कता की जरूरत है हमें उन तमाम मुद्दों पर गंभीर चिंतन कर नीति के निर्धारण की भी अत्यंत आवश्यकता है।
निम्न विषय आपके ध्यानार्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ-
1. सर्वप्रथम हमें संगठन के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की भर्ती करनी चाहिए। संभव हो तो उन्हें सवैतनिक भत्ता के साथ सम्मान पूर्वक पद पर उनकी नियुक्ति हो। ताकी संगठन में उनके कार्यानुसार भविष्य में उनको सम्मानित राजनीति पदों पर स्थापित किया जा सके।
2. कश्मीर सहित उन सभी राष्ट्रीय मुद्दों पर ‘आप’ की स्पष्ट नीति हो। ताकी कोई भी उसके विरुद्ध कार्य या बयान ना दे सके।
3. देश की सुरक्षा, अर्थ व्यवस्था, शिक्षा, किसान नीति, मज़दूर नीति, सरकारी-ग़ैरसरकारी कर्मचारी नीति, व्यापार नीति, बैंकिंग नीति, शेयर बाजार , विदेश नीति, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, राज्यों के साथ संबंध, विदेशी मुद्रा भंडार व काला धन, खनिज संपदा नीति आदि पर विचार करना।
4.भ्रष्टाचार व अन्य जन अपादा-विपदा नीति के साथ-साथ आम जनता की जनसेवा से जुड़े कई क्षेत्र जिसमें बिजली-पानी, चिकित्सा-दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण, खाद्य वितरण प्रणाली व यातायात व्यवस्था।
5.डालर के मूल्य पर नियंत्रण और तेल के प्रबंध पर अंकुश व आयात-निर्यात व्यवस्था में सामंजस्य करना साथ ही देश की उद्योगिक क्षेत्र में प्रोत्साहन प्रदान करना।
6.आधार भूत इंफ्रास्टेक्चर व्यवस्था को सुचारु करना, सरकारी विभागों की ज़िम्मेदारी तय करना व सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक सौहार्द बनाये रखते हुए स्वच्छ राजनीति व्यवस्था का निर्माण कर देश में कानून व व्यवस्था का राज कायम करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
7. खेल क्षेत्र से राजनीतिज्ञों का वर्चश्व समाप्त करना।
8. कई ऐसे विषय जो यहां छुट गए हैं का अध्ययन करना और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कर प्रणाली पर देश के जाने-माने विद्वानों की राय प्राप्त कर नीति का निर्धारण करना।
9. आम आदमी की प्राथमिकता इस बात पर भी हो कि जो नीति का निर्माण हो वह राष्ट्र की जनता पर दूरगामी प्रभाव छोड़ सके। व अन्य राजनीति पार्टियों को सोचने के लिए मजबूर कर दे।
आशा है 'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारणी समिति मेरे पत्र पर गंभीरता से विचार करेगें। आपके उत्तर का इंतजार रहेगा।
आपका ही शुभचिंतक
शंभु चौधरी, कोलकाता
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