आपके ताजा बयान जिसमें आपने सरकार और सिविल सोसायटी के बीच मतभेदों को बढ़ावा न देने की अपील की है हम इसका स्वागत करते हैं। हम सरकार से भी चाहते हैं कि वे सिविल सोसायटी के सदस्यों की भीतरी जांच जैसी कायरता पूर्ण कार्रवाई से बाज आये। नहीं तो देश भर के सांसदों और नेताओं की भी जांच शुरू कराने के लिए व्यापक जन आन्दोलन शुरू किया जा सकता है। हम जानते हैं कि वर्तमान सरकार में कुछ अच्छे सदस्य भी हैं जो देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहें हैं। संसदीय समिति के अध्यक्ष एवं स्व.लक्ष्मीमल सिंघवी जी के पुत्र श्री मनु सिंघवी जी पर भी हमें पूरा भरोसा है कि वे जो भी निर्णय लेगें वह देश के व्यापक हितों को ध्यान में रख कर लेगें। देश की भावना को महत्व देगें न कि भ्रष्ट नेताओं के चक्कर में पड़ कर पुनः आन्दोलन का रास्ता खोल दें जैसा कि हमारे पूर्व एक भ्रष्टाचार संरक्षक मंत्री जी ने किया जिसके चलते देश को 12 दिन का प्रसव पीड़ा से गुजरना पड़ा था।
सिविल सोसायटी के सदस्यों की जांच कर आप देश भर में एक जहर का सृजन करने का प्रयास कर रहें हैं। आपको यह ध्यान रखना चाहिये कि कोई दूध का धुला नहीं है। यदि आपकी सरकार का यही रवैया रहा तो आपकी सरकार जाने के बाद किस-किस की जांच होगी तब इसके लिए आपको भी तैयार रहना चाहिए। नेक कार्य को नेक ही रहने दें। किसी का नुकसान कर देश में एक नई परंपरा कायम की जा रही है। हाँ! इतना ज़रुर याद रखियेगा कि जिस तरह से श्रीमती किरण जी और अरविन्द केजरीवाल को परेशान किया जा रहा है इससे काँग्रेसी का भला तो कुछ नहीं होगा देश को इससे काफी क्षति होगी। जरा मन की अंतरात्मा को पूछ कर देख लिजिऐगा। इस तरह कि कार्यवाही से हमलोगों काफी आहत हुएं हैं कि किन बेईमानों को देश सौंप दिया गया है। इस तरह भ्रष्टाचार संरक्षक मंत्री हमें न तो कमजोर कर सकते हैं न ही देश लूटने लाइसेंस ही हम देगें इनको। -एक सदस्य
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