बाबा रामदेव का नाटक भरा आंदोलन पांच सितारा पंडाल से कल शुरू होने जा रहा है। इसके पूर्व बाबा ने दिल्ली के एक होटल में सरकार के दो प्रतिनिधि श्री कपिल सिब्बल एवं श्री सुबोधकांत सहाय से एक गुप्त बैठक करने का प्रयास किया जिसकी जानकारी प्रेस मीडिया वालों को नहीं देकर शक की बुनियाद खड़ी कर दी।
पहला शक- बाबा को यह बताना चाहिये कि उनको गुप्त बैठक करने की क्या जरूरत पड़ गई जिसमें उनके साथ एक भी दूसरा जन प्रतिनिधि नहीं था? सिर्फ उनके संस्थान का ही एक सदस्य क्यों था?
दूसरा शक- लाखों के इस भव्य पंडाल की योजना किसके अनुमति से और क्यों बनाई गई?
तीसरा शक- बाबा जी के साथ एक भी सामाजिक कार्यकर्ता क्यों नहीं है, सिर्फ धार्मिक लोगों में भी तीसरी या चौथी श्रेणी के लोगों की ही भरमार है।
चौथा शक- बाबा के इस आंदोलन को किस समूह द्वारा चलाया जा रहा है। उनके नामों को अभी तक सामने क्यों नहीं लाया गया ?
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