गुरुवार, 9 दिसंबर 2010
चूँडि़यों की खनक -शम्भु चौधरी
संसद में चूडि़याँ पहने नेताओं,
चूँडि़यों की खनक तो सुनो,
जो सड़कों पे बिखरी-टूटी पडी़,
मांग रही थी भीख-
सुहाग की रक्षा
और
खुद की सुरक्षा।
-शम्भु चौधरी, कोलकाता-७००१०६, मोब: ९८३१०८२७३७
2 टिप्पणियां:
Satish Saxena
9 दिसंबर 2010 को 7:55 pm बजे
सामयिक और धारदार रचना ! शुभकामनायें आपको !
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केवल राम
9 दिसंबर 2010 को 8:19 pm बजे
वर्तमान हालत पर करार तमाचा ...धारदार रचना
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सामयिक और धारदार रचना ! शुभकामनायें आपको !
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