मंगलवार, 4 मार्च 2008

होली के रंग

एक बने रंग ऎसा,
जो लाल, गुलाबी, पीला, नीला,
हरा नहीं हो यार।
इसका रंग कुछ ऎसा हो,
जो तन को नहीं - मन को छू सके।
एक बने रंग ऎसा,
जो लाल, गुलाबी, पीला, नीला,
हरा नहीं हो यार।
इसका रंग कुछ ऎसा हो,
जो राज्य-राज्य की बात न कर
करे राष्ट्र की बात।
एक बने रंग ऎसा,
जो लाल, गुलाबी, पीला, नीला,
हरा नहीं हो यार।
इसका रंग कुछ ऎसा हो,
जो जात -पात का भेद भुला कर
करे प्रेम की बात।
पर देखो इस देश को लग गई
किस मनहूस की हाय।
ये मेरा महाराष्ट्र, तो ये मेरा बंगाल,
ये मेरा गुजरात, तो ये मेरा पंजाब,
ये मेरा बिहार, तो ये मेरा असम,
कोई नहीं कहता यारों
भारत! ये मेरा देश बने महान
आओ हम सब मिलकर बनायें
एक नया और रंग
जिसमें दिखे भारत का
साथ-साथ सातों रंग।
शम्भु चौधरी, कोलकाता - 700106

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