यह सच है कि प्रधानमंत्री श्री मोदीजी अपने कार्यकाल में अब तक इतनी विदेश यात्रा कर ली जितनी आजतक किसी भी प्रधानमंत्री ने शायद ही कभी की हो। अभी तो यह शुरूआत है पूरे 4 साल अभी इनको और यात्रा ही करनी बाकी है। मेक इन इंडिया के सहारे प्रधानमंत्री जी अपनी विदेश यात्रा का सपना पूरा ही नहीं करेगें। इस यात्रा से भारत को विश्व के मानचित्र में भारत को सबसे शक्तिशाली देश बना देंगे।
कल की ही बात लें मोदी जी ने एक बहाना खोजा अटल जी के जन्मदिन की बात उनको याद नहीं आये, नवाज शरीफ साहेब का जन्म दिन याद आ गया और अपने विदेश कूट नीति में तत्काल बदलाव करते हुए तत्काल पंहुच गये पाकीस्तान, नवाज शरीफ जी को जन्मदिन की बधाई देने। अब इसमें कोन सी राजनीति? कैसी विदेशनीति। कैसा शिष्टाचार? मित्र देश है देश में भाजपा के नेता गाली देते रहें। विपक्ष आलोचना करता रहे। देश की सेना/जवान मरते रहें। सर काटकर पाकिस्तान ले जाता रहे। हम शिष्टाचार निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़नेवाले।
मोदी जी के अबतक कार्यकाल में सबकुछ उलटा हो रहा है। तेल के दाम में कोई गिरावट नहीे हुई, उलटे डालर के दाम में 10 प्रतिशत की वृद्धि अर्थात तेल के दाम का जो फायदा देश की जनता को होना था उसका फायदा दलालों को होने लगा।
मेक इन इंडिया के नाम से देश को भीतर से खोखला करना। देश की सेना के मनोबल को निराश करना। किसानों के लिये कुछ नहीं करना। रोजाना कभी टैक्स के नाम पर कभी सरचार्य के बहाने कर का बोझ बढ़ा देना, रेल भाड़ा को बढ़ा देना, तत्काल को टिकट को महंगा कर देना, सभी व्यवसायियों को वे वजह नोटीश भेजना । कंपनियों की जांच-पड़ताल करना। विदेश से काले धन लाने की जगह देश के व्यापारियों को ही तंग करना। महंगे सूट पहनना, गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को जरूरत से ज्यादा तंग करना। कुछ चुनिंदा व्यापारी के हित में जमीं अधिग्रहण पाॅलिसी लागू कराना। मोदी सरकार की पहचान बन गई है। अब जरूरत वे जरूरत विदेश यात्रा मोदी जी की कूट नीति का हिस्सा बन चुका है। इसे भले ही भाजपा के चापलूस नेतागण स्पोर्ट्समेन स्प्रीट मानते हों। परन्तु यह अचानक भारत के प्रधानमंत्री की पाक यात्रा कितनी भी नज़दीकी क्यो न हो देश हित में कदापि सही कदम नहीं माना जायेगा।
जयहिन्द - शम्भु चौधरी 26/012/2015 kolkata
कल की ही बात लें मोदी जी ने एक बहाना खोजा अटल जी के जन्मदिन की बात उनको याद नहीं आये, नवाज शरीफ साहेब का जन्म दिन याद आ गया और अपने विदेश कूट नीति में तत्काल बदलाव करते हुए तत्काल पंहुच गये पाकीस्तान, नवाज शरीफ जी को जन्मदिन की बधाई देने। अब इसमें कोन सी राजनीति? कैसी विदेशनीति। कैसा शिष्टाचार? मित्र देश है देश में भाजपा के नेता गाली देते रहें। विपक्ष आलोचना करता रहे। देश की सेना/जवान मरते रहें। सर काटकर पाकिस्तान ले जाता रहे। हम शिष्टाचार निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़नेवाले।
परन्तु हमें यह सोच लेना चाहिये कि भारत का प्रधानमंत्री सिर्फ अपनी इच्छा से नही, भारत की सुरक्षा, राजनैतिक दृष्टि से, विदेश नीति के तहत , संविधान के तहत, और सबसे बड़ी बात है जनता की भावना को विश्वास में लेकर कार्य करे तभी वह भारत का प्रधानमंत्री है नहीं तो वह सिर्फ मोदी है।
मोदी जी के अबतक कार्यकाल में सबकुछ उलटा हो रहा है। तेल के दाम में कोई गिरावट नहीे हुई, उलटे डालर के दाम में 10 प्रतिशत की वृद्धि अर्थात तेल के दाम का जो फायदा देश की जनता को होना था उसका फायदा दलालों को होने लगा।
मेक इन इंडिया के नाम से देश को भीतर से खोखला करना। देश की सेना के मनोबल को निराश करना। किसानों के लिये कुछ नहीं करना। रोजाना कभी टैक्स के नाम पर कभी सरचार्य के बहाने कर का बोझ बढ़ा देना, रेल भाड़ा को बढ़ा देना, तत्काल को टिकट को महंगा कर देना, सभी व्यवसायियों को वे वजह नोटीश भेजना । कंपनियों की जांच-पड़ताल करना। विदेश से काले धन लाने की जगह देश के व्यापारियों को ही तंग करना। महंगे सूट पहनना, गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को जरूरत से ज्यादा तंग करना। कुछ चुनिंदा व्यापारी के हित में जमीं अधिग्रहण पाॅलिसी लागू कराना। मोदी सरकार की पहचान बन गई है। अब जरूरत वे जरूरत विदेश यात्रा मोदी जी की कूट नीति का हिस्सा बन चुका है। इसे भले ही भाजपा के चापलूस नेतागण स्पोर्ट्समेन स्प्रीट मानते हों। परन्तु यह अचानक भारत के प्रधानमंत्री की पाक यात्रा कितनी भी नज़दीकी क्यो न हो देश हित में कदापि सही कदम नहीं माना जायेगा।
जयहिन्द - शम्भु चौधरी 26/012/2015 kolkata
कांग्रेसी दृष्टिकोण से लिखा गया सामयिक लेख ..मगर ये सिर्फ एक पहलू है
जवाब देंहटाएंयानि बस सब खराब ही खराब है
जवाब देंहटाएंदूसरा पहलू भी होना चाहिए