सवाल उठता है पत्रकारिता का सिद्धांत क्या है? पत्रकारिता का प्रथम और अंतिम सिद्धांत घटना का प्रत्यक्षदर्शी बनना और उसकी हुबहु तस्वीर को देश-विदेश के लोगों तक पंहुचाना ना कि किसी एक पक्ष या विपक्ष में राग अलापना। परन्तु आज का समाचार समूह खासकर मीडिया हाऊसेस के शब्द साफ दर्शते हैं कि वे किसी एक पक्ष के खिलाफ या किसी विशेष व्यक्ति का प्रचार करने में लगी हैं। इन हाऊसेस को समाचार दिखाने से कहीं अधिक रुचि राजनीति करने में है।
कोलकाताः ( 25’मई ,2015) पिछले कई लेखों में मेैं मीडिया को सवालों के कठघरे में खड़ा करता आया हूँ। आज कई दिनों के बाद पुनः इसी विषय पर अपने विचार रख रहा हूँ। देश के कुछ मीडिया घराने न सिर्फ सत्ता के दलाल बन चुकें हैं कुछ तो उन राजनैतिक पार्टियों के रहमों-करम पर ही चलती अन्यथा उनको सरकारी विज्ञापन मिलना बंद हो जाता है। इन समूह को सिर्फ इतनी ही आजादी दी जाती है कि वे विपक्ष पर यदि 10 कीचड़ उझालते हैं तो उन राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ एक या अधिकतम दो वह भी उसकी इजाज़त उनको पहले अपने आला कमान से ले लेनी होती है।
देश में कुछ मीडिया हाउस के बिकाऊ पत्रकारों का एक वर्ग इस पूरे प्रकरण को संचालित करता है जो चुनाव से लेकर सरकार बनाने और गिराने के राजनैतिक आंकड़ें जोड़ते और घटाते रहते हैं। पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त हमने स्पष्ट देखा था कि किस प्रकार भाजपा वालों ने पैसे के बल पर स्थानीय समाचार समूह, पत्रकारों और मीडिया समूह को चाँदी के जूते मारे थे। ‘‘मुंह में राम बगल में छूरी’’ लिये दिन भर इन चैनलों ने (इक्का-दुक्का) को छोड़ के अरविंद केजरीवाल को जी’ भर-भर सभ्य भाषा में गाली देने में लगे थे। मानो एक प्रकार से वे खुद ही चुनाव लड़ रहे थे।
सवाल उठता है पत्रकारिता का सिद्धांत क्या है? पत्रकारिता का प्रथम और अंतिम सिद्धांत घटना का प्रत्यक्षदर्शी बनना और उसकी हुबहु तस्वीर को देश-विदेश के लोगों तक पंहुचाना ना कि किसी एक पक्ष या विपक्ष में राग अलापना। परन्तु आज का समाचार समूह खासकर मीडिया हाऊसेस के शब्द साफ दर्शते हैं कि वे किसी एक पक्ष के खिलाफ या किसी विशेष व्यक्ति का प्रचार करने में लगी हैं। इन हाऊसेस को समाचार दिखाने से कहीं अधिक रुचि राजनीति करने में है।
पत्रकारिता के आड़ में दरअसल इन समूहों ने मीडिया हिजड़ों की दुकान खोल रखी है जो पैसा देगा उसके लिये ये लोग सड़क पर नंगा होकर नाचेगें। जो नहीं देगा उसको नंगा करेगें। -जयहिन्द
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