रविवार, 31 अक्टूबर 2010

भारतीय भाषा संग्राहलय


HINDI


क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व श ष स ह ळ
क्ष त्र ज्ञ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ १०
ॐ ओ औ ऑ ऋ
क का कि की कु कू के कै को कौ कं कः


Gujarati


ક ખ ગ ઘ ઙ
ચ છ જ ઝ ઞ
ટ ઠ ડ ઢ ણ
ત થ દ ધ ન
પ ફ બ ભ મ
ય ર લ વ શ ષ સ હ ળ
ક્ષ ત્ર જ્ઞ અ આ ઇ ઈ ઉ ઊ એ ઐ
૧ ૨ ૩ ૪ ૫ ૬ ૭ ૮ ૯ ૧૦
ૐ ઓ ઔ ઑ ઋ
ક કા કિ કી કુ કૂ કે કૈ કો કૌ કં કઃ


Bengali


ক খ গ ঘ ঙ
চ ছ জ ঝ ঞ
ট ঠ ড ঢ ণ
ত থ দ ধ ন
প ফ ব ভ ম
য র ল ব শ ষ স হ ল
ক্ষ ত্র জ্ঞ অ আ ই ঈ উ ঊ এ ঐ
১ ২ ৩ ৪ ৫ ৬ ৭ ৮ ৯ ১০
ও ঔ ও ঋ
ক কা কি কী কু কূ কে কৈ কো কৌ কং কঃ


Gurumukhi (Punjabi)


ਕ ਖ ਗ ਘ ਙ
ਚ ਛ ਜ ਝ ਞ
ਟ ਠ ਡ ਢ ਣ
ਤ ਥ ਦ ਧ ਨ
ਪ ਫ ਬ ਭ ਮ
ਯ ਰ ਲ ਵ ਸ਼ ਸ਼ ਸ ਹ ਲ਼
ਕ੍ਸ਼ ਤ੍ਰ ਜ੍ਞ ਅ ਆ ਇ ਈ ਉ ਊ ਏ ਐ
੧ ੨ ੩ ੪ ੫ ੬ ੭ ੮ ੯ ੧੦
ਓ ਔ ਔ ਰਿ
ਕ ਕਾ ਕਿ ਕੀ ਕੁ ਕੂ ਕੇ ਕੈ ਕੋ ਕੌ ਕਂ ਕ


Kannada


ಕ ಖ ಗ ಘ ಙ
ಚ ಛ ಜ ಝ ಞ
ಟ ಠ ಡ ಢ ಣ
ತ ಥ ದ ಧ ನ
ಪ ಫ ಬ ಭ ಮ
ಯ ರ ಲ ವ ಶ ಷ ಸ ಹ ಳ
ಕ್ಷ ತ್ರ ಜ್ಞ ಅ ಆ ಇ ಈ ಉ ಊ ಏ ಐ
೧ ೨ ೩ ೪ ೫ ೬ ೭ ೮ ೯ ೧೦
ಓ ಔ ಓ ಋ
ಕ ಕಾ ಕಿ ಕೀ ಕು ಕೂ ಕೇ ಕೈ ಕೋ ಕೌ ಕಂ ಕಃ


Malayalam


ക ഖ ഗ ഘ ങ
ച ഛ ജ ഝ ഞ
ട ഠ ഡ ഢ ണ
ത ഥ ദ ധ ന
പ ഫ ബ ഭ മ
യ ര ല വ ശ ഷ സ ഹ ള
ക്ഷ ത്ര ജ്ഞ അ ആ ഇ ഈ ഉ ഊ ഏ ഐ
൧ ൨ ൩ ൪ ൫ ൬ ൭ ൮ ൯ ൧൦
ഓ ഔ ഓ ഋ
ക കാ കി കീ കു കൂ കേ കൈ കോ കൌ കം കഃ


Tamil


க க க க ங
ச ச ஜ ஜ ஞ
ட ட ட ட ண
த த த த ந
ப ப ப ப ம
ய ர ல வ ஸ ஷ ஸ ஹ ள
க்ஷ த்ர ஜ்ஞ அ ஆ இ ஈ உ ஊ ஏ ஐ
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10
ஓ ஔ ஆ ௫
க கா கி கீ கு கூ கே கை கோ கௌ கஂ கஃ


Telgu


క ఖ గ ఘ ఙ
చ ఛ జ ఝ ఞ
ట ఠ డ ఢ ణ
త థ ద ధ న
ప ఫ బ భ మ
య ర ల వ శ ష స హ ళ
క్ష త్ర జ్ఞ అ ఆ ఇ ఈ ఉ ఊ ఏ ఐ
౧ ౨ ౩ ౪ ౫ ౬ ౭ ౮ ౯ ౧౦
ఓ ఔ ఓ ఋ
క కా కి కీ కు కూ కే కై కో కౌ కం కః

5 टिप्‍पणियां:

  1. वह क्या बात है , सभी भारतीय भाषाएँ अगर एक जगह आकर अपनी खूबसूरती तथा सम्रधता का परिचय दे सकती हैं तो हम क्योँ नहीं ....अनूठा प्रयास

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  2. इसी प्रारूप में उर्दू की लिपि को भी लिख दें तो पूर्ण हो जाये.

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  3. हिन्दी के व्यंजन य र ल व को एक बार जीभ की ओर ध्यान देते हुए बोलें। जब आप 'ल' का उच्चारण करते हैं तो जीभ तल्वे के ऊपरी भाग को छुता हुआ मिलेगा। जब इसी 'ल' को तल्वे के निचले हिस्से से सटाते हुए बोला जायेगा तो 'ळ' हो जाता है आमतौर पर राजस्थान की तरफ इसका अधिक प्रचलन होता है।

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  4. अक्षर 'ळ (ḷ)' का प्रयोग
    यह अक्षर 'ळ' हरियाणवी, राजस्थानी और मराठी भाषाओं में ख़ूब प्रयोग होता है। हिन्दी भाषा, जो आम तौर पर लखनऊ और बनारस के पास बोली जाती है, उसमें इसका प्रयोग इतना नहीं है। बाकी प्रदेशों जैसे राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि में इस अक्षर का बोलने में ख़ूब प्रयोग होता है। उसका उच्चारण 'ल' और 'ड़' के बीच का है। कुछ नमूने नीचे देखिये - हिन्दी रूप कोष्ठ में लिखे गए हैं।

    फळ (फल)
    हळ (हल)
    थाळी (थाली)
    काळा (काला)
    साळा (साला)
    हड़ताळ (हड़ताल)
    भोळा (भोला)
    गळा (गला)

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  5. यह ळ वर्णमाला में बहुत कम देखने को मिलता हैं |
    ळ और ल में क्या अंतर हैं ?
    मैं ळ के बारे में विस्तार से जानना चाहता हूँ |
    हमें विद्यालय में ळ के बारे में नहीं बताया गया |

    'ळ' का प्रचलन राजस्थान की तरफ अधिक है या महाराष्ट्र की तरफ।

    क्या ळ का प्रयोग संस्कृत व्याकरण या संस्कृत साहित्य या वैदिक संस्कृत साहित्य में मिलता हैं ?


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