रविवार, 2 दिसंबर 2007
सती
मैं तो भावावेश में जल रही थी,
तुने आवेश में जलाया,
पापा-पापा मैंने की,
ऎ पापी!
तुने सती बनाया।
-शम्भु चौधरी, एफ.डी़-453, साल्टलेक सिटी, कोलकाता-700106
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