वतन की नाव मारो मुझे एक ऐसी कलम से, जिससे फड़कती हो मेरी नबज़; लड़ते रहें, हम लेकर नाम मज़हब का, मुझको भी जरा ऐसा लहू तो पिलावो, वरसों से भटकता रहा हुँ, कहीं एक दरिया मुझे भी दिखाओ; बना के वतन की नाव यहाँ पे; मेरे मन को भी थोडा़ तो बहलाओ। मरने चला जब वतन कारवाँ बन, कब तक बचेगा जरा ये भी बताओ? | श्रद्धांजलि नमन तुम्हें, नमन तुम्हें, नमन तुम्हें, वतन की राह पे खडे़ तुम वीर हो, वतन पे जो मिटे वो तन, नमन तुम्हें! नमन तुम्हें, नमन तुम्हें! नमन तुम्हें, ये शहीदों की चित्ता नहीं, भारत नूर है, चरणों पे चढ़ते 'हिन्द' ! तिरंगे फूल हैं। मिटे जो मन, मिटे जो धन, मिटे जो तन, वतन की राह पे खडे़ तुम वीर हो, वतन पे जो मिटे वो तन, नमन तुम्हें! नमन तुम्हें! नमन तुम्हें! नमन तुम्हें! |
मेरा भारत महान मेरा वतन मेरा वतन...ये प्यारा हिंदोस्तान - २ हम वतन के हैं सिपाही... वतन के पहरेदार! मेरा वतन मेरा वतन...ये प्यारा हिंदोस्तान - २ डर नहीं तन-मन-धन का...मन मेरा बलवान! वतन की रक्षा के खातिर... दे देगें हम अपने प्राण मेरा वतन मेरा वतन...ये प्यारा हिंदोस्तान - २ सात स्वरों का संगम भारत... जन-गण की आवाज, मिल-जुल कर गाते हैं सब... मेरा भारत महान् | ध्वजः प्रणाम् हिन्द-हिमालय, हिम शिखर, केशरिया मेरा देश। उज्ज्वल शीतल गंगा बहती, हरियाली मेरा खेत, पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण... लोकतंत्र यह देश चक्रधरा माँ करते...हम सभी नमन्, 'जय-हिन्द' - 'जय-हिन्द'। |
संपर्क: शम्भु चौधरी, एफ.डी. - 453, साल्टलेक सिटी,कोलकाता - 700106
ma ak dhase bhagat hu ma dhase ke tan, man sava karna chata hu muja be dhase sava karna ka moka daya jaya.
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