tag:blogger.com,1999:blog-2863994912455703528.post5332519658913804918..comments2023-09-25T02:28:11.809-07:00Comments on Shambhu Choudhary Blogs: उपेक्षित है हवेलियां - राजलदेसर कीShambhu Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/03776713428128546589noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2863994912455703528.post-302569420594081532011-06-27T05:01:38.496-07:002011-06-27T05:01:38.496-07:00सभी भाई बहनों को सदर प्रणाम, हालाँकि ये सच है की म...सभी भाई बहनों को सदर प्रणाम, हालाँकि ये सच है की मई श्री शम्भू जी से परिचित नहीं हु और न ही मई 'राष्ट्रीय महानगर' के संपादक श्री प्रकाश चण्डालिया जी से परिचय अपनी सठियाती यादो में ही ढूंढ प् रहा हु और पता नहीं पर यकीनन मई उम्र में इनसे बड़ा हु फिर भी सदर चरण स्पर्श करता हूँ कारण की मेरी जन्म भूमि से ये जो परिचय करवाया गया है ये तो मुझे पता ही नहीं था ... सच तो ये है की ये रोमांचकारी है मै आभारी हूँ आप सब का भी की ये अनोखा क्षण मेरी जिन्दगी में आया .... ह्रदय से आभार ...Vimal Sonihttps://www.blogger.com/profile/01001294106938331502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2863994912455703528.post-51729149852579632122008-07-14T00:04:00.000-07:002008-07-14T00:04:00.000-07:00कुछ ई-मेल से भी मुझे टिप्पणियां प्राप्त हुई है, जि...कुछ ई-मेल से भी मुझे टिप्पणियां प्राप्त हुई है, जिसे यहाँ पठकों के लिये जारी कर रहा हुँ-शम्भु चौधरी<BR/>................................<BR/>शुक्रिया दाधीच जी इस जानकारी के लिए और आभार शम्भु जी आपका इसे हम तक <BR/>पहुंचाने के लिए । <BR/><BR/>निश्चित तौर पर इन हवेलियों के स्वामियों ने ही इन्हें बिना सार संभाल के छोड़ <BR/>दिया है तो इनके संरक्षण का दायित्व समाज का ही बनता है। सबसे बड़ा कर्तव्य <BR/>स्थानीय नागरिकों का बनता है कि वे किसी न किसी तरह का नैतिक दबाव उन प्रवासी <BR/>सेठों पर बनाएं जो इन्हें छोड़कर दूर जा बसे हैं। <BR/><BR/>शुभकामनाओं सहित <BR/>अजित <BR/>http://shabdavali.blogspot.com/ <BR/>...................................................<BR/>शम्भू जी ! <BR/>यह अवस्था सिर्फ़ हवेलियों की ही नही है बल्कि राष्ट्रीय मह्त्व के किले, बावडी, देवालय, आदि ,जो की ASI की देखरेख में है, और भी दुर्दिन झेल रहे हैं ! इन राष्ट्रीय धरोहरों को बचाने के लिए पर्याप्त धन व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए , मगर योजना आयोग की शायद और मजबूरियां और प्राथमिकतायें होने का कारण यह क्षेत्र उपेक्षित ही है , आगा खान ट्रस्ट जैसे प्राइवेट परियोजनाओं तथा आप जैसे जागरूक लोगो की आवश्यकता है इसे सुरक्षित बनाने के लिए, ताकि हमारी भावी पीढी हमें धन्यवाद कह सके ! <BR/>मेरे विचार में उपरोक्त हवेलियाँ प्राइवेट संपत्ति हैं, अतः उनपर पब्लिक का प्रत्यक्ष संरक्षण सम्भव नही है ! प्राइवेट या पब्लिक ट्रस्ट, इन मालिकों को विश्वास में लेकर यह कार्य कर सकते हैं ! <BR/>परन्तु यह कार्य नीरस है, रंजना जी ! कौन आएगा इन्हे बचाने ? <BR/><BR/>सतीश सक्सेना<BR/>http://satish-saxena.blogspot.com/<BR/>http://lightmood.blogspot.com/<BR/>9811076451 <BR/>...................................................<BR/>Aapkaa yah vishay vaastav mey hi atyant sochniya hai kyaa rajasthaan sarkar athwaa bhartiya aitihaasik vibhaag kaa<BR/>dhyan is or nehi jaa saktaa? itihaas or aitihaasik kalaa wa sthalon se mujhe bahut lagaaw hai par aise maamlo mey mai kuchh nehi kar sakti mujhe koi jaankaari nehi hai. achchha yahi hogaa ki is prakaar ki jaankaari hum aaj k students jo INDIAN HISTORY ko lekar study kar rahe hain unhen bhejen aisaa mai prayaas karungi.mujhe jaankaari dene ke lie dhanyavaad.<BR/>Maitrayee Banergee<BR/>mitragreat57@gmail.comShambhu Choudharyhttps://www.blogger.com/profile/03776713428128546589noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2863994912455703528.post-46336987648650418382008-07-13T06:36:00.000-07:002008-07-13T06:36:00.000-07:00शम्भू जी !यह अवस्था सिर्फ़ हवेलियों की ही नही है ब...शम्भू जी !<BR/>यह अवस्था सिर्फ़ हवेलियों की ही नही है बल्कि राष्ट्रीय मह्त्व के किले, बावडी, देवालय, आदि ,जो की ASI की देखरेख में है, और भी दुर्दिन झेल रहे हैं ! इन राष्ट्रीय धरोहरों को बचाने के लिए पर्याप्त धन व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए , मगर योजना आयोग की शायद और मजबूरियां और प्राथमिकतायें होने का कारण यह क्षेत्र उपेक्षित ही है , आगा खान ट्रस्ट जैसे प्राइवेट परियोजनाओं तथा आप जैसे जागरूक लोगो की आवश्यकता है इसे सुरक्षित बनाने के लिए, ताकि हमारी भावी पीढी हमें धन्यवाद कह सके ! <BR/>मेरे विचार में उपरोक्त हवेलियाँ प्राइवेट संपत्ति हैं, अतः उनपर पब्लिक का प्रत्यक्ष संरक्षण सम्भव नही है ! प्राइवेट या पब्लिक ट्रस्ट, इन मालिकों को विश्वास में लेकर यह कार्य कर सकते हैं ! <BR/>परन्तु यह कार्य नीरस है,कौन आएगा इन्हे बचाने ? <BR/><BR/>सतीशSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2863994912455703528.post-86241349532649328262008-07-08T03:12:00.000-07:002008-07-08T03:12:00.000-07:00बहुत सुंदर चित्रण और बढ़िया जानकारी देने के लिए धन...बहुत सुंदर चित्रण और बढ़िया जानकारी देने के लिए धन्यवाद. सभी को मिलकर सरंक्षण हेतु प्रयास करना चाहिए. यह कला की अमूल्य धरोहर है .समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2863994912455703528.post-62176067827994038742008-07-08T01:31:00.000-07:002008-07-08T01:31:00.000-07:00यथार्थ और सटीक चित्रण एवं मनन।यथार्थ और सटीक चित्रण एवं मनन।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.com